India News (इंडिया न्यूज), Who is Acharya Satyendra Das Death: राम मंदिर अयोध्या के मुख्य पुजारी सत्येन्द्रदास महाराज का निधन हो गया है। आज माघ पूर्णिमा के पवित्र दिन प्रातः 7 बजे के लगभग उन्होंने PGI लखनऊ में अंतिम सांस ली। सत्येन्द्रदास महाराज 1993 से श्री रामलला की सेवा पूजा कर रहे थे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय व मन्दिर व्यवस्था से जुड़े अन्य लोगों ने मुख्य अर्चक के देहावसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
CM योगी ने जताया दुख
बता दें कि सत्येन्द्रदास महाराज लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका लखनऊ के SGPGI में इलाज चल रहा था। आचार्य सत्येंद्र दास को ब्रेन हेमरेज हुआ था और उनका ब्लड प्रेशर बढ़ गया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तो वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर दुख जताया है।
जानें, कौन हैं आचार्य सत्येंद्र दास?
87 वर्षीय आचार्य सत्येंद्र दास राम मंदिर के मुख्य पुजारी थे और बाबरी विध्वंस से लेकर रामलला के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी रहे हैं। पिछले 34 सालों से से राम जन्मभूमि परिसर में रामलला की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने 28 सालों तक टेंट में रहे रामलला की पूजा-अर्चना की। इसके बाद 4 साल तक उन्होंने अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी के तौर पर सेवा की। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही वे मुख्य पुजारी के रूप में सेवा दे रहे थे। स्वास्थ्य और वृद्धावस्था के कारण उनके मंदिर आने पर कोई शर्त नहीं लगाई गई है। वे जब चाहें मंदिर आ जा सकते हैं।
जानें, कैसा रहा आचार्य सत्येंद्र दास का अब तक का सफर
आचार्य सत्येंद्र दास ने 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की उपाधि प्राप्त की थी। इसके बाद 1976 में उन्हें अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में सहायक अध्यापक की नौकरी करने लगे। 1992 में तत्कालीन रिसीवर ने उन्हें पुजारी नियुक्त किया। उस समय उन्हें वेतन के रूप में मात्र 100 रुपये मिलते थे, लेकिन बाद में इसमें बढ़ोतरी कर दी गई।
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आजीवन मिलेगा वेतन
आपको बता दें कि मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास को आजीवन वेतन मिलता रहेगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनका वेतन बढ़कर 38500 रुपये हो गया था। जब उनकी तबीयत खराब हुई तो राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उन्हें कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया था। ट्रस्ट ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्य पुजारी पहले की तरह जब चाहें राम मंदिर आ सकेंगे। उनके आने-जाने और पूजा-पाठ पर कोई रोक नहीं होगी।