इंडिया न्यूज, प्रयागराज:
प्रयागराज में भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि बेशक अब दुनिया में नहीं रहे, लेकिन महंत नरेंद्र हमेशा ही अपने अपने बयान के प्रसिद्ध रहे। बता दें कि बीते अगस्त में ही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने तालिबान का समर्थन करने वाले मुस्लिम धर्मगुरुओं को गद्दार बताया था। उन्होंने बताया था कि ऐसे मुस्लिम धर्मगुरुओं के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। शायर मुनव्वर राना द्वारा तालिबान का समर्थन किए जाने पर भी उन्होेंने कहा था कि वे भारत के खिलाफ लगातार जहर उगल रहे हैं। उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए और तालिबान चले जाना चाहिए। नरेंद्र गिरी ने बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर भी निशाना साधा था। बीते जुलाई माह में ही बहुजन समाज पार्टी के ब्राह्मण सम्मेलन को लेकर महंत ने कहा था कि तिलक, तराजू और तलवार का नारा देने वाली पार्टी सिर्फ सियासी फायदे के लिए ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है। उन्होंने सवाल पूछते कहा था कि पहले जूते मारने की बात करने वाली पार्टी को अब कैसे सम्मान की बात याद आ गई है

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महंत ने ओवैसी को श्रीराम मंदिर पर सुनाई थी खरी-खरी

अयोध्या में अगस्त 2020 को श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर के भूमि पूजन को लेकर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर महंत नरेंद्र ने खरी-खरी सुनाई थी। ओवैसी को यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान मुस्लिम बहुसंख्यक होने के नाते अगर मुस्लिम राष्ट्र हो सकता है तो भारत हिंदू बहुसंख्यक होने के बाद भी हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं हो सकता। भारत हिंदू राष्ट्र था और हिंदू राष्ट्र ही रहेगा।

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राम नाम सत्य पर भी हुआ था विवाद
लव जेहाद के खिलाफ कानून बनाने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन कर महंत विवादों में आ गए थे। 20 नवंबर, 2020 को उन्होंने कहा था कि अब समय आ गया है कि लव जेहादियों का राम नाम सत्य हो जाना चाहिए। लव जेहादियों को ऐसा दंड मिले कि उनकी आने वाली पीढ़ियां भी उसे याद रखें।