India News (इंडिया न्यूज), Ajmer Sharif Dargah Controversy: हाल ही में अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के नीचे मंदिर होने के दावे के बाद विवाद शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद रामजीलाल सुमन ने अजमेर शरीफ की दरगाह में मंदिर होने के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

हिंदू संगठनों के कथित मंदिर के दावे पर सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा कि अजमेर दरगाह 11वीं सदी की है। उन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह का पूरा सच इतिहास में दर्ज है। हिंदू राजा भी पूरी श्रद्धा से यहां आते थे।

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‘मुसलमान पैगंबर मोहम्मद के वंशज हैं’

अल्पसंख्यक समुदाय पर लगाए जा रहे आरोपों पर सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा कि मुसलमान खुद को पैगंबर मोहम्मद का वंशज मानते हैं, मुगलों का नहीं। मस्जिद के नीचे मंदिर होने के दावे के बीच सपा सांसद ने कहा कि 1991 के संसद अधिनियम में भी यही कहा गया है कि मंदिर की जगह मंदिर और मस्जिद की जगह मस्जिद होगी।

आरएसएस प्रमुख के बयान का हवाला देते हुए सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने कहा, ”मोहन भागवत ने भी वर्ष 2022 में कहा था कि हर मस्जिद या हर दरगाह के नीचे खुदाई करना ठीक नहीं है।” उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे महान व्यक्ति ने अजमेर शरीफ दरगाह का दौरा किया है।

‘हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है दरगाह’

सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने पवित्र अजमेर शरीफ की परंपराओं का जिक्र करते हुए कहा कि हर साल प्रधानमंत्री यहां चादरपोशी करते हैं। उन्होंने कहा कि दरगाह हिंदू मुस्लिम एकता का अद्भुत प्रतीक है, इसलिए इस पर विवाद खड़ा करना उचित नहीं है।

राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा कि अजमेर शरीफ दरगाह पर मुसलमानों से ज्यादा हिंदू आते हैं। भाजपा पर कटाक्ष करते हुए सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने कहा, “कुछ लोगों को सपने में भी बाबर और तमाम मुगल शासक नजर आते हैं।”

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