मिल्कीपुर में हार के बाद अखिलेश यादव का बड़ा कदम, गठबंधन को लेकर ले सकते हैं चौंकाने वाला फैसला
Akhilesh Yadav
India News (इंडिया न्यूज़),Akhilesh Yadav: मिल्कीपुर उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी ने 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति बदल दी है। पार्टी ने अभी से चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इस बार सपा पहले से ज्यादा मजबूत रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगले छह महीने के अंदर कई विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी। सपा इस बार बूथ स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। उपचुनाव में बूथ मैनेजमेंट न होने से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा था। अब सपा ने तय किया है कि हर बूथ पर कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जाएगी।
इन्हें दी जाएगी वोटर लिस्ट पर नजर रखने की जिम्मेदारी
बूथ स्तर के पदाधिकारियों को वोटर लिस्ट पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी जाएगी। अगर किसी का नाम काटा या जोड़ा जा रहा है तो इसकी जानकारी देते रहें ताकि कोई भ्रम न रहे। पीडीए समीकरण को संतुलित करने की तैयारी सपा इस बार पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) को एक साथ लाने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए पार्टी उन सेवानिवृत्त पदाधिकारियों की मदद लेगी जिनका अपने क्षेत्र में अच्छा नेटवर्क है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसे पूर्व पदाधिकारी सपा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
हाल ही में अखिलेश यादव ने पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी से मुलाकात कर इस पर चर्चा की थी। सपा के अंदर यह भी चर्चा है कि ओवैसी की एआईएमआईएम और चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी को लेकर रणनीति बनाई जाए। इन पार्टियों पर पीडीए के वोटों में सेंधमारी करने का आरोप लगता रहा है। इस बार सपा इस चुनौती से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर काम करेगी। लोकसभा सत्र के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद जिलों में जाकर तैयारियों का जायजा लेंगे। वह कार्यकर्ताओं और नेताओं को बताएंगे कि किन मुद्दों पर फोकस करना है और भाजपा की ‘नफरत की राजनीति’ के खिलाफ कैसे माहौल बनाना है।
सपा इस बार प्रत्याशियों का ऐलान पहले ही करने जा रही है। माना जा रहा है कि प्रत्याशियों का ऐलान चुनाव से करीब डेढ़ साल पहले कर दिया जाएगा ताकि उन्हें अपने क्षेत्र में काम करने का पूरा मौका मिले। बूथ स्तर पर टीम तैयार करने की जिम्मेदारी जिला अध्यक्ष और प्रत्याशी को दी जाएगी। इस बार पार्टी चुनावी मुद्दे तय करने के लिए जनता से सुझाव भी मांगेगी। इसके लिए सोशल मीडिया अभियान चलाया जाएगा, जिसमें लोगों की समस्याओं को समझा जाएगा और उन्हें चुनावी एजेंडे में शामिल किया जाएगा। इस बार सपा किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है और पूरी आक्रामकता के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।