India News (इंडिया न्यूज),Waqf New Law: वक्फ संशोधन बिल को लेकर अब तक देशभर में घमासान मचा हुआ। सियासी से लेकर आम आदमी तक में वक्फ को लेकर चर्चा तेज है। वहीँ अब वक्फ बिल को लेकर सियासी जंग और भी तेज हो गई है। वहीँ वक्फ संशोधन विधेयक के संसद में पास होने और नए वक्फ कानून का रूप लेने के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार की सियासत में बवाल मचा हुआ है। जिसके चलते समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टियों में वक्फ संशोधन को लेकर जबरदस्त बवाल देखने को मिल रहा है। एक तरफ अखिलेश इस बिल को लेकर कड़ा विरोध कर रहे हैं तो वहीँ नीतीश की तरफ से बिल पर समर्थन मिला है।
- नीतीश कुमार की बढ़ी मुश्किलें
- मुसलमानों को साधने में लगे अखिलेश
- वक्फ बिल पर छिड़ा सियासी संग्राम
नीतीश कुमार की बढ़ी मुश्किलें
संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में मुस्लिम नेता और कार्यकर्ता नाराज नजर आ रहे हैं। जिसके चलते कई मुस्लिम नेताओं ने तो इस्तीफा भी दे दिया है। जी हाँ पिछले कुछ दिनों में पार्टी के कई बड़े मुस्लिम नेता इस्तीफा दे चुके हैं। इधर मोतिहारी में आज 15 मुस्लिम नेताओं ने नाराज होकर एक साथ जेडीयू छोड़ दी है। वहीँ इससे पहले पूर्वी चंपारण के जेडीयू मेडिकल सेल के अध्यक्ष मोहम्मद कासिम अंसारी ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर बगावत करते हुए कहा कि, पार्टी ने इस बिल का समर्थन कर मुसलमानों का भरोसा तोड़ा है। हमने नीतीश जी को धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक माना था, लेकिन अब यह भरोसा टूट गया है। वहीँ कहा जा रहा है कि इसका गहरा असर बिहार चुनाव में देखने को मिल सकता है।
मुसलमानों को साधने में लगे अखिलेश
वहीँ दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव इस मुद्दे का फायदा उठाते हुए 2027 के विधानसभा चुनाव तक बड़ा हथियार बनाने की कोशिशों में लगे हैं । हलाकि बीजेपी इसे अपने फायदे में बदलने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर सपा इसे और आक्रामक तरीके से उठाती है तो बीजेपी हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण को और तेज कर सकती है, जिसका उसे फायदा मिल सकता है।
वक्फ बिल पर छिड़ा सियासी संग्राम
वहीँ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भाजपा की रणनीति अब सामने आ चुकी है। पार्टी इसे बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, लेकिन विपक्ष इसे धार्मिक ध्रुवीकरण का हथियार माना बैठा है और लगातार आवाज़ उठा रहा है। वहीँ अब भी भाजपा को उम्मीद है कि यह मुद्दा उसे बिहार, यूपी और बंगाल जैसे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिंदू वोटों को एकजुट करने में काफी सफल साबित होगा।