India News (इंडिया न्यूज), UP News: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े के दो दिवसीय लखनऊ दौरे से संगठनात्मक चुनाव के बीच यूपी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। फेरबदल की इन चर्चाओं ने कई मंत्रियों की बेचैनी बढ़ा दी है। किसी को मंत्री पद जाने का डर सता रहा है तो किसी को अपने विभागों में बदलाव न होने की चिंता सता रही है।
सरकार में कुछ चेहरों का बदलाव
वहीं बता दें कि हालात यह हैं कि जो मंत्री कल तक दिल्ली में अपने पसंदीदा जिला अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे थे, अब सब कुछ छोड़कर अपनी कुर्सी बचाने की चिंता सता रही है। संगठन और सरकार में कुछ चेहरों का बदलाव हो सकता है। यह पहला मौका था जब भाजपा के किसी राष्ट्रीय पदाधिकारी ने लखनऊ में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से एक-एक कर मंत्रिमंडल फेरबदल पर चर्चा की। कई राजनीतिक जानकार इसे पचा नहीं पा रहे हैं। कुछ लोगों का तर्क है कि अपने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में अड़ंगा डालने वाले कई मंत्री पार्टी के इस कदम से मात खा गए हैं। कुछ इसे आरएसएस के दबाव का नतीजा बता रहे हैं।
कुछ मंत्रियों का विभाग बदलने के साथ..
वहीं, मार्च में मंत्रिमंडल फेरबदल की प्रबल संभावना है। इससे सबसे ज्यादा वे मंत्री परेशान हैं, जिनके कामकाज से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाखुश हैं। ऐसे मंत्री अपनी फाइलें दुरुस्त कराने को लेकर परेशान हैं। इसके अलावा पार्टी को कुछ मंत्रियों के ठेकों और लीज में लिप्त होने और कुछ के जमीन विवाद में लिप्त होने की शिकायतें भी मिली हैं। कुछ मंत्री तो ऐसे हैं जिनसे मिलना पार्टी विधायकों के लिए भी मुश्किल है। विभागीय कामकाज की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। उन्होंने अपना रिपोर्ट कार्ड भी दुरुस्त करना शुरू कर दिया है। ऐसे में कुछ मंत्रियों का विभाग बदलने के साथ ही कुछ को बर्खास्त भी किया जा सकता है।
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