India News(इंडिया न्यूज़),Ayodhya News: अयोध्या में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा की वर्षगांठ को लेकर इस बार बड़ा निर्णय लिया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में यह तय किया गया कि इस उत्सव को हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी को मनाया जाएगा, जिसे कूर्म द्वादशी भी कहते हैं। रामलला की प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई थी, लेकिन वह हिंदू पंचांग के अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी थी। इसलिए, अंग्रेजी कैलेंडर के बजाय धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए इसे हर साल हिंदू तिथि पर मनाने का निर्णय लिया गया है।

कब मनाई जाएगी  रामलला की प्राणप्रतिष्ठा की वर्षगांठ

जनवरी 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को पड़ेगी। पहले साल उत्सव तीन दिनों तक मनाया जाएगा। इसके बाद अनुभव के आधार पर उत्सव को चार या पांच दिन का किया जाएगा। उत्सव की विस्तृत रूपरेखा फिलहाल तैयार की जा रही है।
अक्तूबर 2025 तक राम मंदिर के साथ परिसर में कुल 18 मंदिरों का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। राम मंदिर के दूसरे तल पर भी मूर्ति स्थापना पर विचार किया जा रहा है। मंदिर परिसर के दक्षिणी कोने में 500 की क्षमता वाला ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस और ट्रस्ट कार्यालय का निर्माण होगा। इन प्रोजेक्ट्स पर कुल 130 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।राम मंदिर के सभी 18 मंदिरों की आरती का लाइव प्रसारण करने की योजना पर काम चल रहा है। इसके लिए दूरदर्शन स्थायी व्यवस्था बना रहा है। श्रद्धालुओं के लिए अपोलो हेल्थ केयर सेंटर की स्थापना की जा रही है, जिसमें ईसीजी और अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि सहित कई प्रमुख सदस्य मौजूद थे। कुछ सदस्य अस्वस्थता या अन्य कारणों से शामिल नहीं हो सके। बैठक में मंदिर निर्माण, आय-व्यय का विवरण और अन्य परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई।

शिलान्यास और निर्माण

ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने सोमवार को ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस और कार्यालय भवन का शिलान्यास किया। इनका निर्माण राजकीय निर्माण निगम द्वारा शुरू कर दिया गया है। इस बदलाव से हिंदू धर्म के उत्सव मनाने की परंपरा को और अधिक सशक्त किया गया है। साथ ही, राम मंदिर को केंद्रित करते हुए अयोध्या को धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। यह आयोजन राम भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह रामलला की प्रतिष्ठा से जुड़ी आस्था को नई ऊँचाई पर ले जाएगा।