India News (इंडिया न्यूज़), Ayodhya News: उत्तर प्रदेश की फैजाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद रविवार 2 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोने लगे। सांसद अयोध्या के सहनवां में दलित लड़की के साथ हुए रेप और हत्या का जिक्र करते हुए भावुक हो गए। अब उनके भावुक होने पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद और यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इस घटना में समाजवादी पार्टी का कोई कार्यकर्ता शामिल हो और इसीलिए अवधेश जी रो रहे हैं। जो भी दोषी होगा उसे सख्त से सख्त सजा मिलेगी।

यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने दिया चौंकाने वाला बयान

इस मामले पर सपा सांसद ने रविवार को कहा था- यह जघन्य अपराध बेहद दुखद है। अयोध्या के ग्राम सभा सहनवां के सरदार पटेल वार्ड में 3 दिन से लापता दलित परिवार की बेटी का शव नग्न अवस्था में मिला, उसकी दोनों आंखें फोड़ दी गई हैं और उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। यह सरकार न्याय नहीं कर सकती। अयोध्या के ग्राम सभा सहनवां के सरदार पटेल वार्ड में 3 दिन से लापता दलित परिवार की बेटी का शव नग्न अवस्था में मिला। उसकी दोनों आंखें फोड़ दी गई हैं और उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है।

चंद्रशेखर आजाद ने भी आवाज उठाई

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मैं इस घटना को लेकर निःशब्द हूं, जिसका प्रशासन ने तीन दिन तक संज्ञान नहीं लिया। उसकी आंखें फोड़ दी गई थीं, पैर टूटा हुआ था, शरीर से खून बह रहा था। जिस हालत में उसका शव मिला, उसे देखकर परिवार के लोग बेहोश हो गए। बताया जा रहा है कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। वह बेटी नहीं थी, यह यूपी की कानून व्यवस्था थी, जो इतनी बदतर स्थिति में है। इसे देखकर जानवरों को भी शर्म आ जाए, लेकिन सरकार को शर्म नहीं आ रही है। इतना सन्नाटा है। मुख्यमंत्री इतनी जिम्मेदारी से कह रहे हैं कि अपराधी किसी दूसरी पार्टी के होंगे। लेकिन आप यह नहीं बता रहे हैं कि आपके राज में एक बेटी के साथ अन्याय हुआ।
सांसद ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से जवाब मांगना चाहता हूं जिन्होंने कहा था कि दलितों को मत मारो, मुझे मार दो…आज उस बेटी के साथ क्या हुआ, प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि क्या उनके राज में बेटियां सुरक्षित हैं और क्या सरकार ऐसे बेशर्म बयान देगी। बेशर्म मुख्यमंत्री से हमें कोई उम्मीद नहीं है, वह सिर्फ लाशों का एडजस्टमेंट करना जानते हैं। कमजोर वर्गों पर अत्याचार हो रहा है, इस पर चर्चा करने वाला कोई नहीं है।