India News(इंडिया न्यूज),Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के बदायूं में एंबुलेंस ड्राइवर की लापरवाही से एक मासूम बच्चे की जान चली गई। दरअसल, बीमारी से पीड़ित बच्चे को बरेली जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जब बच्चे को ज्यादा राहत नहीं मिली तो उसे इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण बच्चे की मौत हो गयी।
पुट्ठी सराय निवासी हरिनंदन के 9 माह के बेटे आशीष को बुखार आ गया। बच्चे के इलाज के लिए हरिनंदन पहले निजी अस्पतालों में गए, लेकिन जब उन्हें वहां से राहत नहीं मिली तो वह आशीष को जिला अस्पताल ले गए। बच्चे की हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उसे सैफई के सरकारी मेडिकल के लिए रेफर कर दिया। एंबुलेंस चालक बच्चे को समय पर अस्पताल पहुंचाने के बजाय एंबुलेंस को अपने घर ले गया।
ड्राइवर ने घर पर रुककर नहाया और खाना खाया
एंबुलेंस चालक गाड़ी को अपने गांव मोहनपुर ठिरिया ले गया। वहां उन्होंने अपनी दैनिक दिनचर्या पूरी की। बच्चे के परिजनों का आरोप है कि बच्चे की हालत ठीक नहीं होने के कारण वे ड्राइवर से जल्दी करने को कहते रहे, लेकिन वह पहले नहाया, खाना खाया, बाजार गया और वहां से कुछ सामान ले आया। इस काम में उन्हें डेढ़ से दो घंटे लग गए।
अस्पताल पहुंचने में देरी के कारण बच्चा एंबुलेंस में ही तड़पता रहा। जब तक चालक एंबुलेंस लेकर सैफई पहुंचा, उसकी मौत हो गई। बच्चे की एंबुलेंस में ही मौत हो गई। बच्चे की मौत से उसके घर में मातम छा गया है। इलाज में देरी के कारण बच्चे की मौत के लिए परिजनों ने सीधे तौर पर ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराया है। मृतक बच्चे के परिजन ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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