India News (इंडिया न्यूज), Bhadhaini Mass Murder Case: साल 2024 में वाराणसी का एक चर्चित हत्याकांड मामला एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। इस हत्या कांड ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया था। हाल ही में इस हत्याकांड मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। एक लाख के इनामी आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ विक्की को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
दो आरोपी गिरफ्तार
विक्की पर आरोप है कि उसने अपने चाचा राजेंद्र प्रसाद गुप्ता सहित पूरे परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी थी। इस मामले में मुख्य आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ (विक्की) और उसके भाई प्रशांत गुप्ता उर्फ (जुगनू) को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया। दोनों भाइयों को दोपहर करीब सवा एक बजे सीरगोवर्धनपुर लाटू बीर मंदिर के पास से पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
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जानें, क्या है पूरा मामला
वाराणसी के भेलूपुर के भदैनी इलाके में 4 और 5 नवंबर की रात को यहां दिल दहला देने वाली हत्या सामने आई थी। आरोपियों ने अपने चाचा राजेंद्र गुप्ता, चाची नीतू गुप्ता और उनके तीन बच्चों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि राजेंद्र गुप्ता की सबसे पहले रोहनिया स्थित उनके निर्माणाधीन मकान में ही हत्या कर दी थी। इसके बाद भदैनी स्थित घर में मौसी नीतू गुप्ता, 22 वर्षीय नवनेन्दु, 16 वर्षीय शुभेंदु और 17 वर्षीय गौरांगी की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी बिहार और कोलकाता फरार हो गया था।
बचपन से ही रच रहा था साजिश
बता दें कि आरोपियों ने पूछताछ में चौंकाने वाले बड़े खुलासे किए हैं। विशाल गुप्ता और प्रशांत गुप्ता ने बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया। आरोपी ने बताया कि 1997 में उसके चाचा राजेंद्र गुप्ता ने उसके माता-पिता और दादा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से राजेंद्र गुप्ता और उसका परिवार दोनों भाइयों से नौकरों की तरह व्यवहार करता था और उनके साथ मारपीट करता था।
चाचा करता था नौकरों जैसा व्यवहार
आरोपी ने आगे बताया कि 2022 में राजेंद्र और उसके बेटे ने विशाल गुप्ता की बेरहमी से पिटाई की और कई दिनों तक घर में बंद रखा। इसके बाद ही विशाल ने बदला लेने की योजना बनाई और प्रशांत के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई।
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ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस ने बताया कि हत्या को अंजाम देने के लिए विशाल और प्रशांत ने बिहार से दो पिस्टल खरीदी और फर्जी ID पर कई सिम कार्ड खरीदें। घटना के बाद विशाल पुलिस से बचने के लिए पटना, कोलकाता और मुंबई रेलवे स्टेशनों पर छिपता रहा। वह इंस्टाग्राम के जरिए भाई प्रशांत से संपर्क करता था। 6 फरवरी, 2025 को जब विशाल गुप्ता रुपये लेने वाराणसी आया तो पुलिस ने दोनों भाइयों को पकड़ लिया। पुलिस ने उनके पास से 5 मोबाइल फोन और सिम कार्ड, 26 हजार रुपये नकद, एक एयरटेल पोर्टेबल वाई-फाई (डोंगल) बरामद किया।