India News UP(इंडिया न्यूज़),Brij Bhushan Sharan Singh: पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह का एक अलग ही अंदाज शनिवार को प्रयागराज में देखने को मिला, जहां उन्होंने शायरी, कविता और गायकी के माध्यम से लोगों का दिल जीत लिया। यह अवसर था चौथे अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव का, जिसका उद्घाटन बृजभूषण शरण सिंह ने किया। संगम नगरी में शायरी और कविताओं के जरिए उन्होंने मौजूदा हालात पर तंज कसा और अपने दिल का दर्द भी बयां किया।

मैं झुक जाता तो मसला हल हो जाता- सांसद बृजभूषण शरण सिंह

बृजभूषण शरण सिंह ने सबसे पहले कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह का हाथ थामकर शायरी सुनाई, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं झुक जाता तो मसला हल हो जाता, लेकिन मेरे किरदार का कत्ल हो जाता।” इसके बाद उन्होंने कविता सुनाई जिसका शीर्षक था, “प्यासी जमीन थी और लहू सारा पिला दिया। मुझ पर वतन का कर्ज था, जिसे मैंने चुका दिया।” उनकी शायरी और कविताओं में समाज और राजनीति के प्रति उनका दर्द छिपा हुआ था।

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शायरी, कविता और गीतों के जरिए रखी अपनी बात

इसके बाद बृजभूषण शरण सिंह ने अवधी गीत भी गाए, जिनमें भक्ति और मस्ती के साथ कई संदेश भी शामिल थे। उनकी प्रस्तुति को सुनकर पूरी महफ़िल वाह-वाह करती रही। खास बात यह रही कि उन्होंने इस आयोजन में कोई भाषण नहीं दिया, बल्कि केवल शायरी, कविता और गीतों के जरिए अपनी बात रखी।

मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी की कविता “चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊं” को सुनाया और कहा कि अब उन्हें राजनीति में कुछ पाने की चाह नहीं है। इस कार्यक्रम में बृजभूषण शरण सिंह का यह अनूठा अंदाज चर्चा का विषय बन गया।

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