India News(इंडिया न्यूज),BSP chief Mayawati: सपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई की है। उन्हें सभी पदों से हटाने के बाद अब पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस कार्रवाई को लेकर बसपा प्रमुख का कहना है कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के आंदोलन के हित में और कांशीराम जी की अनुशासन परंपरा का पालन करते हुए आकाश आनंद को उनके ससुर की तरह पार्टी और आंदोलन के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।

आकाश को पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा करते हुए मायावती ने कहा, कल बसपा की बैठक में आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक समेत सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया क्योंकि वह पार्टी के हित से ज्यादा पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में बने रहे। उन्हें इसके लिए पश्चाताप करना चाहिए था और अपनी परिपक्वता दिखानी चाहिए थी।

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पार्टी से क्यों निकाला मायावती ने बताया?

मायावती ने आगे कहा, “परिपक्वता दिखाने के बजाय आकाश द्वारा दिया गया लम्बा-चौड़ा जवाब उनकी पश्चाताप व राजनीतिक परिपक्वता का प्रतीक नहीं है, बल्कि उनके ससुर के प्रभाव में आकर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है। मैं पार्टी में ऐसे सभी लोगों को इससे बचने की सलाह देती रही हूं और उन्हें दंडित भी करती रही हूं।”

आकाश आनंद ने कही ये बात

बता दें इससे पहले मायावती द्वारा पार्टी के सभी पदों से मुक्त किये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। सोमवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह मायावती के फैसले का सम्मान करते हैं। उन्होंने विरोधियों को भी जवाब दिया।

आकाश ने लिखा, मैं मायावती जी का कैडर हूं, और उनके नेतृत्व में मैंने त्याग, निष्ठा और समर्पण के अविस्मरणीय पाठ सीखे हैं, ये सब मेरे लिए सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य है। आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर की तरह है, मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं और उस फैसले पर कायम हूं।

उन्होंने आगे लिखा, मायावती जी द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का फैसला मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही यह अब एक बड़ी चुनौती है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है। ऐसे कठिन समय में धैर्य और दृढ़ संकल्प ही सच्चे साथी हैं। मैं बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और आखिरी सांस तक अपने समाज के अधिकारों के लिए लड़ता रहूंगा।

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