India News(इंडिया न्यूज), BSP Vote Bank: बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी निगाहें बीएसपी के दलित वोट बैंक पर टिका दी हैं। बसपा से टूट रहे इस वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने बड़ा प्लान तैयार किया है। यूपी में दलित वोट बैंक को साधने के लिए बीजेपी पूरे प्रदेश में दलित बस्ती संपर्क अभियान चला रही है। दलित वर्ग के सभी मंत्रियों विधायकों, सांसदों, मेयर और जिला पंचायत अध्यक्षों को दलित बस्तियों में पहुंचकर उन्हें भाजपा के बारे में समझाने की रणनीति बनाई है।

शनिवार को बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में बीजेपी ने इस रणनीति पर मंथन करने के लिए दलित वर्ग के अपने सभी आठ मंत्रियों, 17 सांसदों और 64 विधायकों को बुलाया था। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संग़ठन महामंत्री धर्मपाल ने उन्हें दलितों के बीच काम करने की योजना बतायी है।

हर विधानसभा क्षेत्र में बनेंगे 100 नमो मित्र

बीजेपी ने तय किया है कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में 100 नमो मित्र बनाए जाएं। नमो मित्र दलित बस्तियों में संपर्क अभियान शुरू कर लोकसभा चुनाव की जमीन तैयार करेंगे। दलित युवाओं को साधने के लिए दलित प्रतिभा सम्मेलन का आयोजन कर प्रतिभावान विद्यार्थियों और युवाओं को सम्मानित करने की भी तैयारी है। इसके अलावा मीटिंग में यह भी तय किया गया कि बीजेपी के नेता और मंत्री दलित बस्तियों के अलावा दलित वर्ग के अफसरों, खिलाड़ियों, रिटायर्ड अफसरों और लोक कलाकारों से संपर्क कर बीजेपी के बारे में बताएंगे। अनुसूचित जाति वर्ग के मंत्री, विधायक और पार्टी पदाधिकारी अपनी जाति से जुड़े इलाकों में सक्रिय किए जाएंगे। मोदी-योगी सरकार की ओर से एससी वर्ग के लिए लागू योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।

पहले क्षेत्र, फिर जिलों में सम्मेलन

बीजेपी एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया बताते हैं कि पार्टी की ओर से अक्टूबर और नवंबर में सभी विधानसभा क्षेत्रों में भीम सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें विशेष रूप से जाटव बस्तियों में सम्मेलन का आयोजन कर समाज के युवाओं से संवाद किया जाएगा। युवाओं से बातचीत कर पता लगाएंगे कि वह पार्टी से क्या चाहते हैं, सरकार को उनके लिए क्या करना चाहिए। इसके साथ पहले दलितों के क्षेत्रीय सम्मेलन और फिर जिलों में सम्मेलन होंगे। इन सम्मेलनों में दलितों के लिए बीजेपी सरकार के किए गए कामों को बताया जाएगा।

बीएसपी का घट रहा है जनाधार

बसपा प्रमुख मायावती के इशारे पर किसी के साथ खड़े होने कोर वोटर अब चुनाव में बसपा की मौजूदगी के बाद भी खिसकते नजर आए हैं। बसपा का जनाधार 2012 से लगातार घट रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव-2019 में सपा के साथ गठबंधन करके 10 सीटें हासिल की थीं। उसके बाद 2022 विधान सभा चुनाव बसपा ने फिर अकेले लड़ा। इनमें प्रदर्शन और निराशाजनक रहा। विधानसभा चुनाव में वोट प्रतिशत 13 फीसदी से नीचे आ गया और सिर्फ एक सीट पर पार्टी सिमट गई। वहीं नगर निकाय चुनाव में भी मेयर की एक भी सीट नहीं जीत सकी और वोट प्रतिशत 12 प्रतिशत रहा। बीजेपी अब इसी जनाधार के बीच घुसपैठ करने की तैयारी में है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कहते हैं कि देश में सबसे ज्यादा दलित वर्ग के प्रतिनिधि बीजेपी के ही हैं। सबसे ज्यादा काम भी दलित वर्ग के लिए बीजेपी ने ही किए हैं।

Read more: