India News (इंडिया न्यूज)Chandrashekhar Azad: बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जा रहा है। इसको लेकर अब आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, आज देश का कमजोर वर्ग देख रहा है कि उनके साथ कौन खड़ा होगा। संसद में आज स्थिति ऐसी है कि हर कोई देख रहा है कि कौन किस तरफ खड़ा है।
चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा, जैसा कि कल से चल रहा है कि सब खत्म हो गया है, मैं नहीं कहूंगा कि सब खत्म हो गया है, यह ऐसा समय है जब कमजोर वर्ग सबकी तरफ देख रहा है कि आज उनके साथ कौन खड़ा होगा या कौन उनसे राजनीतिक लाभ लेना चाहता है या कौन है जो उनसे सिर्फ झूठे वादे कर रहा था, किसे वोट देकर उन्हें गुमराह किया गया या धोखा दिया गया, यह सब देखने का समय है और पूरे देश का ध्यान आज संसद की ओर है।
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जलते हुए घर को देखने वालों…
चंद्रशेखर आजाद ने कहा, आज मैं संसद में उन पंक्तियों से शुरुआत करूंगा कि जलते हुए घर को देखने वालों, जलते हुए घर को देखने वालों, तुम्हारे पास छप्पर है, तुम्हारे पीछे तेज हवा है, आगे तुम्हारा नसीब है, मैं तुम्हारे कत्ल पर भी चुप था, अब मेरी बारी आई है, तुम मेरे कत्ल पर भी चुप हो, अगली बारी तुम्हारी है।
उन्होंने आगे कहा, मैं भरोसा दिला रहा हूं कि पूरा संशोधन अनुच्छेद 13, 14, 25, 26, अनुच्छेद 50, 300 का उल्लंघन है। यह धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है, सरकार ने अपनी विचारधारा को जबरदस्ती उन पर थोपने और उनके अधिकारों को छीनने और वक्फ की संपत्ति को लूटने का एजेंडा बनाया है। इसलिए हम इसके खिलाफ हैं क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है।
वक्फ संपत्ति क्या है?
अगर मुस्लिम समुदाय से जुड़े किसी व्यक्ति के कोई संतान नहीं है, तो उसकी मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति वक्फ हो जाती है। इसी तरह कुछ लोग जीवित रहते हुए भी अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड को दान कर देते हैं। वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल अल्लाह के काम में होता है। इस संपत्ति पर मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, ईदगाह और दरगाह भी बनाई जा सकती है। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करने वाला विधेयक है। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और दुरुपयोग की रोकथाम के लिए नियमों को कड़ा करना है।
संशोधन में कहा गया है कि वक्फ की पुरानी संपत्तियों से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। राज्य सरकार की भूमिका बनी रहेगी। साथ ही बोर्ड में 2 गैर-मुस्लिम और वक्फ ट्रिब्यूनल में तीन सदस्य होंगे। इसके अलावा कलेक्टर की जगह जांच के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। वहीं, यह भी शर्त है कि 5 साल तक इस्लाम में आस्था रखने वाला व्यक्ति ही संपत्ति वक्फ कर सकता है। 2025 तक जो संपत्ति वक्फ की है, वह उसके पास ही रहेगी, जो ट्रस्ट धर्मार्थ कार्य में हैं, उन पर यह कानून लागू नहीं होगा।