India News(इंडिया न्यूज)CM Adityanath: विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उर्दू भाषा पर टिप्पणी को लेकर सियासत गरमा गई है। उनके बयान पर कई राजनेता नाराजगी जता रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का एक बयान सामने आया है। उन्होंने सीएम योगी को चुनौती देते हुए कहा, ‘मैं सीएम को चुनौती देता हूं कि वह सामान्य बातचीत में उर्दू शब्दों का इस्तेमाल किए बिना बात करके दिखाएं।’
मरकर भी नहीं जलता शरीर का ये हिस्सा…क्या है ऐसी शक्तियां या विज्ञानं जो आग भी नहीं कर पाती इसे राख?
योगी, बिना उर्दू के बात करके दिखाएं…
कांग्रेस नेता ने कहा कि उर्दू शब्दों का इस्तेमाल किए बिना कोई बातचीत नहीं हो सकती, बातचीत में उर्दू के शब्द होते हैं। इसके बिना बात करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उर्दू सिर्फ मुसलमानों की भाषा नहीं है, फिराक गोरखपुरी उर्दू के दुनिया के सबसे बड़े विद्वान थे लेकिन वह मुसलमान नहीं थे। उन्होंने कहा कि उर्दू सबकी भाषा है।
ओवैसी ने सीएम योगी पर किया हमला
इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने योगी के बयान पर हमला बोला था। उन्होंने कहा, ‘योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उर्दू पढ़ने से वैज्ञानिक नहीं बनते, कट्टरपंथी बनते हैं। लेकिन योगी के किसी पूर्वज ने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी। योगी ने उर्दू नहीं पढ़ी, तो वैज्ञानिक क्यों नहीं बने?’ उन्होंने कहा कि वह गोरखपुर से आते हैं। फिराक गोरखपुरी भी उसी शहर से थे। उन्हें भी कट्टरपंथी ही कहते। वह उर्दू के बेहतरीन शायर थे। यह उनकी बौद्धिक क्षमता है।
सीएम योगी ने कही थी ये बात
दरअसल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा था कि सरकार अगर शिक्षा की सुविधा देना चाहती है, तो सपा कहती है कि उर्दू पढ़ाओ। उन्होंने कहा था कि ये लोग बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं और देश को कट्टरता की ओर ले जाना चाहते हैं। उनके इस बयान पर बवाल मच गया था। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश समेत कई नेताओं ने योगी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।