India News (इंडिया न्यूज),Gorakhpur: CM योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राप्ती नदी में गिरने वाले नालों के प्राकृतिक विधि (फाइटोरेमिडीएशन तकनीकी) से जल शोधन की 2 करोड़ 70 लाख रुपये की नगर निगम की परियोजना का शुभारंभ किया। आपको बता दें कि इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि प्राकृतिक विधि से जल शोधन से नदी की शुद्धि के साथ करोड़ों रुपये की बचत भी होगी। इसमें न तो बिजली का खर्च आएगा और न ही मेंटिनेंस का।
कार्य किया गया
आपको बता दें कि तकियाघाट पर आयोजित समारोह में CM ने बताया कि गोरखपुर में राप्ती नदी अविरल और निर्मल रहे, उसका जल स्वच्छ और सुदर रहे, इसके लिए जो कोशिश नगर निगम ने किया है वह काफी सराहनीय है। यह बहुत बड़ा काम हुआ है। यह कार्य उर्वरता और जीवन को बचाने के लिए हुआ है। CM ने बताया कि महापुरूषों ने जल को जीवन माना है। प्रदूषित जल के कारण गोरखपुर के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1977 से लेकर 2017 तक 50 हजार मासूम बच्चे इंसेफेलाइटिस और वेक्टरजनित बीमारियों के कारण काल के गाल में समा गए। विषाणुजनित बीमारियों से होने वाली मौतों का कारण प्रदूषित जल और गंदगी था। CM योगी ने बताया कि PM मोदी की प्रेरणा से स्वच्छ भारत मिशन पूरे देश में लागू हुआ। हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए शहरी क्षेत्र में अमृत मिशन और ग्रामीण क्षेत्र में जल जीवन मिशन प्रारंभ हुआ। हर घर नल योजना के माध्यम से घर-घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य किया गया।