India News (इंडिया न्यूज)All India Personal Law Board: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में उलेमा ने धार्मिक जुलूसों के दौरान मस्जिदों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और धार्मिक विवादों को रोकने के लिए प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का सख्ती से पालन करने की मांग की। बैठक में वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध और सीरिया में राजनीतिक बदलावों पर भी चर्चा हुई।
गुरुवार को नखास स्थित शिया डिग्री कॉलेज में बोर्ड अध्यक्ष मौलाना सैम मेहंदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बोर्ड महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मस्जिदें सिर्फ इबादतगाह नहीं बल्कि हमारे धर्म और संस्कृति की प्रतीक भी हैं। इनका अनादर हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। मस्जिदों को निशाना बनाने की हाल की घटनाएं देश की गंगा-जमुनी संस्कृति के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि कानून लागू कर मस्जिदों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकारों की जिम्मेदारी है। जुलूस निकालने की आजादी सभी को है, लेकिन किसी भी धार्मिक स्थल का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि पिछले एक दशक में असामाजिक तत्वों द्वारा मस्जिदों की दीवारों पर पथराव, अपमानजनक टिप्पणियां करने और मस्जिद के सामने भड़काऊ भाषण देने का चलन बढ़ा है। ऐसी हरकत करने वाले संगठनों और कट्टरपंथियों को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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वक्फ से जुड़े लोगों से राय नहीं ले रही जेपीसी
बोर्ड चेयरमैन ने वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा को सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि यह हमारी पीढ़ियों की अमानत है। इसे हर कीमत पर सुरक्षित रखना होगा। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की कार्यवाही पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि जेपीसी उन संगठनों से राय ले रही है, जिनका वक्फ से कोई लेना-देना नहीं है।
सीरिया के हालात पर चिंता
बोर्ड ने इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध और सीरिया में हो रहे राजनीतिक बदलावों पर चिंता जताई और गाजा में हो रहे नरसंहार को तत्काल रोकने की मांग की। मौलाना यासूब ने कहा कि सीरिया में अल्पसंख्यकों, खासकर शिया समुदाय और उनके पवित्र स्थलों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से सीरिया के पवित्र स्थलों, हजरत जैनब और हजरत सकीना की दरगाहों और वहां के शिया समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। बैठक में मौलाना जहीर अब्बास, मौलाना डॉ. अनवर हुसैन रिजवी, मौलाना जाफर अब्बास, मौलाना एजाज अतहर, मौलाना सैयद इंतेजाम हैदर रिजवी, मौलाना मूसा रिजवी आदि शामिल हुए।