India News(इंडिया न्यूज़),Ghaziabad Court News: गाजियाबाद में वकीलों की 29 अक्टूबर से जारी हड़ताल के दौरान भी न्यायालय ने न्यायिक प्रक्रिया को बाधित नहीं होने दिया। इस मुश्किल समय में लीगल एड डिफेंस काउंसलिंग आम जनता के लिए सहारा बनकर उभरी। आठ दिनों में 2756 मामलों का निस्तारण किया गया, जिसमें 250 जमानत प्रार्थना पत्र, 72 आपराधिक वाद, 37 वारंट और 11 वैवाहिक जांच जैसे महत्वपूर्ण मामले शामिल रहे।

5 सरकारी वकीलों ने की जरूरतमंद की मदद

डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस एडवाइजर के अनुसार हड़ताल के दौरान लीगल एड डिफेंस काउंसलिंग में कार्यरत पांच सरकारी वकीलों ने जरूरतमंद वादकारियों को मदद दी। सामान्य दिनों में गाजियाबाद कोर्ट में रोजाना 4000 से 5000 मामले सुनवाई के लिए आते हैं, जिनमें 500 से 600 मामलों का निस्तारण होता है। लेकिन हड़ताल के बावजूद 2 से 10 दिसंबर के बीच 2756 मामलों का सफल निपटारा हुआ।

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इतने मामले कै हुआ निपटारा

इस अवधि में कोर्ट में 387 जमानत प्रार्थना पत्र, 545 आपराधिक वाद, 44 सत्र परीक्षण, 420 चालान, 16 एनआई एक्ट के मामले, 9 सिविल वाद, 4 निष्पादन वाद और 6 पारिवारिक वादों का निपटारा किया गया। साथ ही 128 मामलों में गवाहों के बयान दर्ज किए गए।

न्याय व्यवस्था को सुचारू रूप चलाना

जनपद न्यायालय में पुलिसकर्मियों द्वारा सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है, जिससे वादकारी सुरक्षित माहौल में अपने मामलों की सुनवाई करा सकें। वकीलों की अनुपस्थिति के बावजूद कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया जारी रहने से लोगों को राहत मिली है। हड़ताल के इस दौर में लीगल एड की भूमिका ने न्याय व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में अहम योगदान दिया है।

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