India News (इंडिया न्यूज), Gyanvapi Cases: सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली में आज ज्ञानवापी मामले को लेकर अहम सुनवाई होनी है। इस मामले में पहले ही ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किया जा चुका है। यह नोटिस हिंदू पक्षकारों द्वारा दायर याचिका पर दिया गया था। मामले में लंबे समय से विवाद चल रहा है, और आज की सुनवाई को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
1991 में दाखिल हुआ था मुकदमा
ज्ञानवापी विवाद 1991 से चल रहा है, जब स्वर्गीय पंडित सोमनाथ व्यास ने आदि विश्वेश्वर मंदिर को लेकर मुकदमा दाखिल किया था। उन्होंने ज्ञानवापी परिसर में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-अर्चना का अधिकार देने की मांग की थी। पंडित सोमनाथ व्यास की मृत्यु वर्ष 2000 में हो गई, जिसके बाद अदालत ने उनके विधिक उत्तराधिकारी को पक्षकार बनाने का आदेश दिया। हालांकि, वकील विजय शंकर रस्तोगी को इस मुकदमे में वादमित्र के रूप में पक्षकार बनाया गया।
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शुक्रवार को हुई थी सुनवाई
इससे पहले शुक्रवार को वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक) युगल शंभू की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। पक्षकार बनाए जाने की अर्जी पर बहस के दौरान अधिवक्ता पीएन मिश्रा ने कहा कि आदि विश्वेश्वर से जुड़े सभी देवी-देवता और व्यास गद्दी भी इस मुकदमे का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि जब आदि विश्वेश्वर का उल्लेख होता है, तो उनसे जुड़े सभी देवता और पारंपरिक गद्दियां शामिल मानी जाती हैं।
आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर फिर से सुनवाई होगी। हिंदू पक्षकारों का कहना है कि ज्ञानवापी मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, जिसे मान्यता दी जानी चाहिए। वहीं, मस्जिद प्रबंधन समिति का तर्क है कि यह मुद्दा लंबे समय से विवादित है और संवेदनशीलता के साथ इसका समाधान होना चाहिए। अदालत ने अगली तारीख 19 दिसंबर तय की है।
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