India News (इंडिया न्यूज), MahaKumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन शुरू हो चुका है। आस्था और आध्यात्म के महापर्व महाकुंभ में भक्ति और साधना के कई रंग देखने को मिल रहे हैं। इस महाकुंभ में धर्मगुरुओं और साधु-संन्यासियों का जमावड़ा लगा हुआ है। दुनिया के कोने-कोने से लोग महाकुंभ पहुंच रहे हैं।
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हर्षा रिछारिया के साध्वी बनने शुरू हुआ विवाद
इस महाकुंभ में मध्य प्रदेश के भोपाल की हर्षा रिछारिया ने जब एंकरिंग-मॉडलिंग का करियर छोड़कर महाकुंभ में साध्वी का रूप धारण किया तो विवाद खड़ा हो गया। निरंजनी अखाड़े के रथ पर शाही स्नान करने पर कुछ साधु-संतों ने उन्हें फटकार लगाई और पाखंडी भी कहा। हालांकि कई महात्माओं ने उनका बचाव भी किया।
विवाद को लेकर परिवार परेशान
देशभर में हो रही चर्चाओं से हर्षा का परिवार काफी चिंतित है। भोपाल के वृंदावन नगर निवासी हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया, मां किरण और भाई करण ने सवाल उठाया कि अगर हर्षा ने मॉडलिंग का अपना सम्मानजनक करियर छोड़कर धर्म का रास्ता अपनाया तो इसमें क्या गलत किया?
निरंजनी अखाड़ा हताशा
परिजनों ने आगे कहा कि अगर दूसरे देशों की महिलाएं महाकुंभ में स्नान करती हैं तो सभी उनकी तारीफ करते हैं, लेकिन अगर हमारे ही देश और धर्म की कोई बेटी किसी गुरु से दीक्षा लेकर महाकुंभ में स्नान करती है तो लोग उसे पाखंडी कहने लगते हैं। यह ठीक नहीं है। हमारी बेटी ने कभी झूठ नहीं बोला। देशभर में हर्षा की चर्चा के बाद निरंजनी अखाड़े का नाम और बढ़ गया है, जिससे हताशा में ऐसी बातें कही जा रही हैं।
जानें, कौन है साध्वी हर्षा
आपको बता दें कि हर्षा रिछारिया का परिवार उत्तर प्रदेश के झांसी के मऊरानीगंज का रहने वाला है। उनका परिवार पिछले 25 सालों से भोपाल में रह रहा है। हर्षा की मां किरण ने बताया कि 2004 में उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में शाही स्नान के दौरान जब हर्ष साधु-संतों के स्नान के लिए बने स्थान पर गई तो पुलिस ने उसे धक्का देकर भगा दिया। हर्षा को यह बात बुरी लगी और उसने कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब वह साधु-संतों के बीच स्नान करेगी। महाकुंभ के अमृत स्नान के बाद उसने उसे फोन किया था। उस दिन वह 2004 कुंभ को याद करके रो पड़ी।