India News (इंडिया न्यूज़),Hathras Stampede Case: हाथरस में सत्संग में भगदड़ और 121 लोगों की मौत के मामले में न्यायिक आयोग ने रिपोर्ट दाखिल कर दी है।  सूत्रों के मुताबिक आयोग की रिपोर्ट गुरुवार को कैबिनेट में रखी गई है।  रिपोर्ट को सदन में रखने की मंजूरी मिल गई है।  एसआईटी की तरह न्यायिक आयोग ने भी सत्संग कराने वाले भोले बाबा को क्लीन चिट दे दी है।  सूत्रों के मुताबिक न्यायिक जांच आयोग ने इस घटना के लिए पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।  रिपोर्ट में घटना के पीछे आयोजकों को मुख्य दोषी बताया गया है।

ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कई सुझाव भी दिए

इसके साथ ही आयोग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कई सुझाव भी दिए हैं। जांच के बाद आयोग ने सुझाव दिया है कि पुलिस अधिकारी हर आयोजन स्थल का व्यक्तिगत रूप से दौरा करें।   न्यायिक आयोग ने अपनी जांच के बाद दिए सुझावों में कहा है कि आयोजकों द्वारा लिए गए आयोजन की अनुमति की शर्तों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. साथ ही उल्लंघन होने पर कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिए।  महाकुंभ के लिए रेलवे की विशेष योजना, 5 दिन में 1554 ट्रेनों का होगा संचालन, कंट्रोल रूम से होगी निगरानी

तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस की घटना और भगदड़ के पीछे साजिश की संभावना की जांच के लिए 3 जुलाई को हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया था। इस हादसे में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, हत्या का प्रयास, गंभीर चोट पहुंचाने, लोगों को बंधक बनाने, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और साक्ष्य छिपाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
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गौरतलब है कि 2 जुलाई को सिकंदराराऊ के फुलेराई मुगलगढ़ी गांव में नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ ​​सूरजपाल के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। सेवादारों ने उनका काफिला निकालने के लिए भीड़ को रोका था, इस दौरान उनके चरणों की धूल लेने की होड़ में लोग बाल-बाल बच गए थे। इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।