India News (इंडिया न्यूज़), Chandrashekhar Azad in Lok Sabha: संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर शनिवार (14 दिसंबर) को लोकसभा में चर्चा के दौरान उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद का अलग ही अंदाज देखने को मिला। लोकसभा में चर्चा के दौरान नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की स्पीकर से बहस भी हुई और उन्होंने यहां तक कह दिया कि क्या यहां भी दलितों को बोलने नहीं दिया जाएगा।
लोकसभा में नगीना सांसद ने कहा कि आर्थिक समानता के लिए सरकार क्या कर रही है। अमीर और अमीर होते जा रहे हैं और गरीब और गरीब होते जा रहे हैं। सुबह उठते ही बम और दंगे की धमकियां मिलती हैं। क्या यह अमृतकाल है या धमकी काल? इस बीच जब सभापति ने समय का हवाला दिया तो चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि क्या यहां भी दलितों को बोलने नहीं दिया जाएगा? क्या यह भेदभाव नहीं चलेगा? क्या दलितों को आखिरी में बोलने का मौका मिलेगा?
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मैं अपनी पार्टी का सदस्य हूं सर और चुनाव जीता हूं- चंद्रशेखर आजाद
जब स्पीकर ने कहा कि पार्टी के सभी निर्दलीय सांसदों को 4 मिनट का समय दिया गया है तो नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद भड़क गए और सख्त लहजे में कहा कि मैं अपनी पार्टी का सदस्य हूं सर और चुनाव जीता हूं, मैं किसी की दया पर नहीं आया हूं। इसके बाद स्पीकर ने उन्हें एक मिनट में अपना भाषण पूरा करने को कहा।
आजम खान को राजनीतिक विरोध के कारण जेल में रखा गया- चंद्रशेखर आजाद
इसके बाद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मूंछ रखने पर लोगों की हत्या कर दी जाती है, महिलाओं और छोटे मासूम बच्चों के साथ बलात्कार कर उनकी हत्या कर दी जाती है, एनसीआरबी के आंकड़े देखकर आप डर जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 25-26 में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता की बात कही गई है लेकिन दलितों, मुसलमानों, जैनियों और ईसाइयों के लिए स्वतंत्रता कहां है। संभल, अयोध्या और अजमेर सभी इसके उदाहरण हैं। सरकार आलोचना से डरती है और आजम खान को राजनीतिक विरोध के कारण जेल में रखा गया है।