India News (इंडिया न्यूज), Holi 2025: होली से पहले UP के एक स्कूल के आदेश ने हड़कंप मचा दिया है। स्कूल प्रशासन ने सभी छात्रों को आदेश देते हुए कहा कि कोई भी बच्चा रंग नहीं खेलेगा और न ही उनके अभिभावक पार्टी करेंगे और न ही पार्टी के लिए बच्चों को पैसे देंगे। यह आदेश जारी होते ही विरोध शुरू हो गया। हिंदू संगठनों ने इस मुद्दे को उठाया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। रंगों का त्योहार होली 2025 खुशियां लेकर आता है, फिर एक निजी स्कूल जबरन अपना एजेंडा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों पर कैसे थोप सकता है।

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स्कूल का नोटिस वायरल

इतना ही नहीं, स्कूल का यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हर कोई हैरान रह गया। हर कोई स्कूल के इस फैसले का विरोध कर रहा है, अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा देने वाले स्कूल को बंद करने की मांग की गई। समाजसेवी चंद्रमणि पांडेय ने सेंट जोसेफ स्कूल जिगिना बस्ती के होली न मनाने के मनमाने आदेश का विरोध किया है और मांग की है कि बहुसंख्यक हिंदू समुदाय के तिथियों और त्योहारों और चोटी तिलक कलावा पर रोक लगाने का अधिकार किसी को नहीं है।

स्कूल बंद करने की उठी मांग

उन्होंने आगे कहा कि यदि हम बहुसंख्यक होने के नाते आपको क्रिसमस मनाने से नहीं रोकते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि कोई हमारी संस्कृति पर सवाल उठा सकता है। चंद्रमणि ने कहा कि कोई भी शिक्षण संस्थान शिक्षा देने के लिए होता है, उसे हमारी धार्मिक मान्यताओं और तिथियों तथा त्योहारों को निर्धारित करने तथा उन्हें मनाने या न मनाने का निर्देश देने का अधिकार नहीं है। इसलिए विद्यालय प्रबंधन का यह कृत्य क्षम्य नहीं है। साथ ही, चंद्रमणि पांडेय ने जिलाधिकारी बस्ती और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मांग की कि ऐसे विद्यालय की मान्यता तत्काल वापस ली जाए और उसका संचालन बंद किया जाए, अन्यथा जागृत हिंदू समाज आंदोलन करने को बाध्य होगा।

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स्कूल प्रबंधन ने नहीं दिया कोई जवाब

आपको बता दें कि जारी निर्देश में बच्चों को स्कूल से लेकर घर, पार्क से लेकर पार्टी तक होली मनाने से रोका गया, बल्कि आदेश जारी किया गया कि यदि कोई ऐसा करता है तो उसे परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा, तो वहीं, विश्व हिंदू महासंघ ने भी स्कूल के इस निर्देश का कड़ा विरोध किया है और उक्त आदेश को वापस लेने और स्कूल प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। हमने कई बार स्कूल का पक्ष लेने की कोशिश की, लेकिन स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई भी बात करने को तैयार नहीं हुआ। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी हो गई है और स्कूल से बात कर उचित कार्रवाई की जाएगी।