India News UP(इंडिया न्यूज),Dussehra 2024: उत्तर प्रदेश के मेरठ में दशहरे के त्योहार पर रावण दहन से पहले एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। यहां श्रीराम लीला कमेटी छावनी परिषद द्वारा आयोजित रामलीला के मंचन में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों को शराब पिलाई जाती है, इसके बाद ही उनका दहन किया जाता है। यह परंपरा पिछले 64 सालों से चली आ रही है और इसे एक टोटके के रूप में माना जाता है।

भैंसाली मैदान में हर साल 130 फीट ऊंचे रावण

मेरठ के भैंसाली मैदान में हर साल 130 फीट ऊंचे रावण, 120 फीट ऊंचे कुंभकरण, और 110 फीट ऊंचे मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है। लेकिन इससे पहले, पुतलों को शराब पिलाने की यह अनूठी रस्म निभाई जाती है। इस परंपरा की शुरुआत तब हुई जब रामलीला कमेटी ने देखा कि बिना शराब पिलाए रावण का पुतला खड़ा नहीं हो पा रहा था। दो बार रावण के पुतले को खड़ा करने की कोशिशें असफल रहीं, पुतला बीच में टूट गया। इसके बाद कमेटी के पुराने सदस्यों और बुजुर्गों ने सुझाव दिया कि रावण को शराब पिलाई जाए, और फिर पुतला खड़ा किया जाए।

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रावण के पुतले को पिलाया जाता है शराब

इसके बाद, जब रावण के पुतले को शराब पिलाई गई, तो वह आसानी से खड़ा हो गया। तब से यह परंपरा चली आ रही है, जिसमें रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों को खड़ा करने से पहले उन्हें शराब पिलाई जाती है। रावण के पुतले को खड़ा करने की जगह पर भी शराब के छींटे डाले जाते हैं, ताकि पुतला बिना किसी समस्या के खड़ा हो सके।

यह परंपरा भले ही सुनने में अजीब लगे, लेकिन मेरठ में दशहरे के दिन इसे पूरी आस्था और विश्वास के साथ निभाया जाता है। श्रीराम लीला कमेटी के महामंत्री गणेश अग्रवाल के अनुसार, यह टोटका इतने वर्षों से सफल रहा है, इसलिए इसे आज भी निभाया जा रहा है।

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