India News(इंडिया न्यूज़)Maha kumbh 2025: महाकुंभ में वैसे तो साधु-संतों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन इस महाकुंभ में एक संत ऐसे भी हैं, जिनसे मिलने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। लोग उनके पास यूं ही नहीं उमड़ रहे, बल्कि इसलिए भी उमड़ रहे हैं क्योंकि वे एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स के गुरु हैं और लॉरेन इस समय महाकुंभ में उनके शिविर में ठहरी हुई हैं। अपने गुरु के प्रभाव और आध्यात्मिक रुझान के कारण लॉरेन ने न सिर्फ अपने गुरु का गोत्र अपनाया है, बल्कि सनातन धर्म के अनुसार अपना नामकरण भी करवाया है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के हरिद्वार में सिद्धपीठ श्री दक्षिण काली मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि की। वैसे तो कैलाशानंद गिरि का आश्रम हरिद्वार में है, लेकिन वे एक मुखर वक्ता होने के साथ-साथ घुमक्कड़ और सत्संगी संत भी हैं। बताया जा रहा है कि एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी टीवी पर उनके कार्यक्रम देखा करती थीं और उनसे काफी प्रभावित थीं। उन्होंने मन ही मन कैलाशानंद गिरि को अपना गुरु मान लिया था। करीब चार साल पहले वे गुरु के दर्शन करने हरिद्वार पहुंचीं और विधि-विधान से दीक्षा ली।
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लॉरेन 10 दिन तक आश्रम में रहेंगी
तब से वे लगातार अपने गुरु के संपर्क में हैं। फिलहाल वे भारत दौरे पर हैं और प्रयागराज महाकुंभ में अपने गुरु के आश्रम में रह रही हैं। संगम में पवित्र डुबकी लगाने से पहले लॉरेन बनारस भी पहुंची थीं। वहां उन्होंने देवाधि देव महादेव विश्वनाथ के दरबार में भी दर्शन किए। वहां उन्होंने दर्शन पूजन किया और अब वे 10 दिन तक अपने गुरु के आश्रम में रहकर भजन कीर्तन करेंगी।
पूरी दुनिया में हैं कैलाशानंद के शिष्य
इस दौरान वे सनातन की पूजा-अर्चना और जीवन पद्धति को समझने की कोशिश करेंगी। देश-विदेश में महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि के शिष्यों की लंबी कतार है। स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन भी उनकी शिष्याओं में से एक हैं। इस संबंध में कैलाशानंद गिरि ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लॉरेन बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महिला हैं। वे सनातन की परंपरा को जानना और समझना चाहती हैं। उनकी सनातन में आस्था है।