India News (इंडिया न्यूज़),Jaipur fire accident news:  भांकरोटा दुखांति अग्निकांड से जुडी बड़ी अपडेट सामने आई है। SMS अस्पताल के बर्न वार्ड में 24 लोगों का इलाज जारी है। इनमें 10 मरीज 50 प्रतिशत झुलसे हैं इन सभी की हालत गंभीर बताई जा रही है। झुलसे मरीजों का वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है। 5-6 मरीजों का वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है। 39 भर्ती मरीजों में अब तक 14 मरीजों ने दम तोड़ दिया है। 5 अज्ञात मृतकों का डीएनए जांच के लिए सैंपल भेज दिया है। बता दें कि, राजस्थान में जयपुर जिले के भांकरोटा में हादसा हुआ था। जिसके बाद चिकित्सा विभाग ने काफी संवेदनशीलता और सजगता दिखाई है।

जिसमें दुर्घटना स्थल से मरीजों को एसएमएस अस्पताल पहुंचाने के लिए यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया। अजमेर हाईवे पर फायर ब्रिगेड, पुलिस वाहन, सिविल डिफेंस और अधिकारियों को छोड़कर सभी वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया। इससे एंबुलेंस कम समय में अस्पताल पहुंच सकीं। तीन दिन पहले तैयार किए गए आईसीयू में भी मरीजों को भर्ती किया गया। इससे बड़ी संख्या में मरीजों को तुरंत उचित उपचार मिल सका।

परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद एसएमएस अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टरों की टीम तैयार की। इसके बाद बर्न वार्ड में पहले से भर्ती मरीजों को दूसरे वार्ड में भर्ती किया गया, ताकि इस घटना में घायलों को जरूरी उपचार मिल सके। फिर एक डेडिकेटेड कंट्रोल रूम बनाया गया और हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया। इससे परिजनों को जानकारी मिलने में आसानी हुई।

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घायलों का लगा पता

घटना में घायल लोगों की पहचान करना जरूरी था। इसलिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से आईटी विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई। जिन्होंने जन आधार और आधार के जरिए मरीज के मोबाइल नंबर से परिजनों की डिटेल निकालकर उन्हें घटना की जानकारी दी। इसके बाद मरीज के परिजनों को अस्पताल बुलाकर उनसे मिलाया गया। इस दौरान परिजनों का भी पूरा ख्याल रखा गया। उन्हें व्यवस्थित तरीके से पर्चियां दी गईं और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी को उनके परिजनों से मिलाया गया।

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घायलों की सूची बनाई गई

अन्य अस्पतालों में भर्ती घायलों की सूची भी बनाई गई। पुलिस टीम से समन्वय कर जलाए गए वाहनों की सूची बनाई गई। इसके बाद उनके मालिकों का पता लगाया गया और परिजनों को सूचना दी गई। इसके बाद उदयपुर की लेक सिटी ट्रैवल्स की बस में कुल कितने लोग सवार थे, इसकी जानकारी जुटाई गई। जिसमें ट्रैवल्स मालिक से सूची ली गई और उनकी मैपिंग की गई। इसके बाद लापता लोगों की तलाश की गई।

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5 मृतकों की पहचान नहीं

5 मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। कुछ लोग अपने परिजनों की तलाश कर रहे हैं। इसलिए डीएनए सैंपल लेकर एफएसएल भेजे जा रहे हैं, ताकि उनके परिजनों की पहचान हो सके। इस पूरी प्रक्रिया में चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार, एसएमएस कॉलेज प्राचार्य दीपक माहेश्वरी और अस्पताल अधीक्षक सुशील भाटी ने कमान संभाली। कंट्रोल रूम का संचालन चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक नरेश गोयल ने किया।

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