India News (इंडिया न्यूज़),Jama Masjid News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद की सफेदी कराने की इजाजत मांगी गई थी। लेकिन स्थानीय प्रशासन ने मस्जिद के एएसआई द्वारा संरक्षित होने का हवाला देकर इजाजत देने से इनकार कर दिया। प्रशासन का कहना था कि इस संबंध में एएसआई ही सही फैसला ले सकता है। जिसके बाद मस्जिद कमिटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर हिंदू पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई है।  उनका आरोप है कि सफेदी कराने के नाम पर फिर से दंगे भड़काने की योजना बनाई जा रही है।

हिंदू समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए

दरअसल कल शाही जामा मस्जिद की सफेदी कराने के लिए मांगी गई इजाजत के खिलाफ हिंदू समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन किया। हिंदू संगठन सनातन सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर सफेदी शुरू हुई तो विवाद और बढ़ेगा, क्या एएसआई इसकी जिम्मेदारी लेगा। मस्जिद में काम शुरू कराना तो बहाना है, मकसद कुछ और है. बता दें कि आज यानी गुरुवार को हाईकोर्ट जामा मस्जिद कमिटी को मस्जिद की सफेदी कराने की इजाजत देने के मामले की सुनवाई करेगा।

पत्र लिखकर मस्जिद की पुताई की इजाजत मांगी थी

मालूम हो कि संभल जामा मस्जिद कमेटी ने कुछ दिन पहले प्रशासन को पत्र लिखकर मस्जिद की पुताई की इजाजत मांगी थी, लेकिन संभल के डीएम राजेंद्र पैंसिया ने कहा था कि इस मामले पर फैसला लेने का अधिकार एएसआई को ही है। डीएम ने कहा था कि विवादित धार्मिक स्थल से छेड़छाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है, क्योंकि अनुमति मिलने तक मामला कोर्ट में विचाराधीन है।  लेकिन जानकारी के मुताबिक अनुमति न मिलने के बाद मस्जिद कमेटी पुताई की अनुमति के लिए हाईकोर्ट पहुंच गई। पुताई की अनुमति पर आज सुनवाई होनी है। उधर, बुधवार रात को हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकाला और हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी की।

सफाई और पुताई के नाम पर दंगे की तैयारी

उन्होंने कहा कि ‘अगर लड़ाई हुई तो आगे भी लड़ाई होगी, सफाई और पुताई के नाम पर दंगे की तैयारी हो रही है, क्या एएसआई इसकी जिम्मेदारी लेगी…’ अनुमति का विरोध कर रहे हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सीओ अनुज चौधरी को सौंपा है। हिंदू संगठन की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि ये लोग पेंटिंग के नाम पर विवादित धार्मिक स्थल के साक्ष्य मिटाना चाहते हैं, ताकि कोर्ट के फैसले को प्रभावित किया जा सके। जामा मस्जिद कमेटी फर्जी कमेटी है, इसलिए इसके खिलाफ कोर्ट की अवमानना ​​की कार्यवाही की जाए, क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। लेकिन इसके बावजूद अगर मस्जिद कमेटी के लोगों द्वारा पेंटिंग कराई जाती है, तो हिंदू समाज इसका विरोध करेगा, एएसआई के खिलाफ आंदोलन भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा

हिंदू संगठन के कार्यकर्ता कैलाश चंद्र गुप्ता ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें हमने धार्मिक स्थल की कमेटी द्वारा पेंटिंग के नाम पर मांगी जा रही अनुमति का विरोध किया है।  अगर कोई पेंटिंग कराई जानी है, तो पुरातत्व विभाग द्वारा कराई जानी चाहिए, क्योंकि यह पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित इमारत है। वहीं, दूसरे कार्यकर्ता राकेश वार्ष्णेय ने कहा कि ‘अयोध्या हमारी है, अब संभल की बारी है।  हमारी मांग है कि अगर कोई पेंटिंग का काम कराना है, तो एएसआई ही कराएगा, कोई और नहीं कराएगा। क्योंकि हमारा धार्मिक स्थल एएसआई के संरक्षण में है।