India News (इंडिया न्यूज), Jhansi Fire Accident Report: यूपी के झांसी में लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए भीषण अग्निकांड पर जांच समिति की रिपोर्ट मंगलवार को पेश की गई। बता दें, चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह की अध्यक्षता में गठित इस समिति ने बड़े पैमाने पर लापरवाही और गड़बड़ी को उजागर किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, आग लगने का मुख्य कारण ऑक्सीजन कंडेंसर में शॉर्ट सर्किट था, जिससे 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई।

मथुरा में अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद का हुआ आयोजन, देश-विदेश के संत होंगे शामिल

जानें किन लापरवाहियों से हुई ये घटना

जानकारी के मुताबिक, ये घटना 15 नवंबर की है, जब मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु वार्ड में आग लग गई थी। जांच में पाया गया कि वार्ड की क्षमता केवल 18 बच्चों की थी, लेकिन अंदर 49 बच्चों का इलाज चल रहा था। इसके अलावा, कई उपकरणों को एक्सटेंशन वायर के सहारे जोड़ा गया था, जो सुरक्षा मानकों का खुला उल्लंघन करना था। पहले भी इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया गया था, लेकिन किसी ने भी इस पर गंभीरता नहीं जताई। रिपोर्ट में बताया गया कि शॉर्ट सर्किट के कारण ऑक्सीजन कंडेंसर से चिंगारी निकली, जिससे आग भड़क गई। हादसे में कई बच्चों की जान चली गई, जबकि अन्य के शव बाहर निकाले गए। घटना के बाद चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को दिए गए सुझाव

सरकार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा गठित इस जांच समिति की सिफारिशों के आधार पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में फायर और इलेक्ट्रॉनिक ऑडिट अनिवार्य करने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा, अग्निशमन विभाग से प्रशिक्षण प्राप्त करने और सुरक्षा दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की भी सिफारिश की गई है। यह घटना न केवल चिकित्सा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि सुरक्षा उपायों की अनदेखी कितनी घातक साबित हो सकती है।

JNU Sambhal Violence: यूपी भवन पर जेएनयू छात्रों का प्रदर्शन, संभल हिंसा के लिए योगी सरकार को ठहराया जिम्मेदार