India News (इंडिया न्यूज),Lok Sabha 2024: बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जातीय गणित साधने की रणनीति बनाई है। विष्णु, मोहन और भजन के सहारे उत्तर प्रदेश में जातीय गणित साधेंगे। बीजेपी के ब्राह्मण, यादव व जनजातीय नेता प्रचार प्रसार में जुटे हैं। यादव महासभा भी बीजेपी का आभार भी जता चुकी है।

जातीय गणित साधने की रणनीति

बीजेपी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के जरिये यूपी में जातीय गणित साधने की रणनीति बनाई है। पार्टी ने ब्राह्मण, यादव और जनजातीय नेताओं को अपने-अपने समाज के बीच यह संदेश पहुंचाने को कहा है कि राजस्थान में ब्राह्मण, एमपी में यादव (OBC) और छत्तीसगढ़ में एक सामान्य आदिवासी परिवार के कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने उनके समाज का सम्मान बढ़ाया है।

उनका सम्मान बीजेपी

उत्तर प्रदेश में लंबे अर्से से कोई ब्राह्मण मुख्यमंत्री नहीं हुआ है। यादव समाज पर अपना हक समझने वाली सपा जब भी सत्ता में आई सरकार की कमान नेतृत्व वाले परिवार में ही रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण डिप्टी सीएम के बाद राजस्थान में सीएम बनाकर पार्टी इस समाज को यह संदेश देने में जुट गई है कि उनका सम्मान बीजेपी में ही है।

नेतृत्व का पद तो कभी नहीं

मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य में यादव (OBC) समाज से मुख्यमंत्री बनाकर यूपी में यादव समाज को बताना शुरू कर दिया गया है कि बीजेपी में कोई भी किसी भी पद पर जा सकता है, चाहे वह यादव ही क्यों न हो। यह भी बताया जा रहा है कि यादव समाज सपा में नेतृत्व का पद तो कभी नहीं पा सकता। जब भी ऐसा अवसर आएगा, सपा प्रमुख अखिलेश यादव या उनका परिवार को ही मौका दिया जाएगा।

पोस्टर, होर्डिंग्स के जरिये इसका प्रचार

पार्टी लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण, यादव और आदिवासी समाज के बीच अपने सियासी प्रयोग का फायदा उठाना चाहती है। पार्टी ने तीनों जातियों से जुड़े नेताओं और जनप्रतिनिधियों को इसके लिए सक्रिय कर दिया है। यादव समाज से जुड़े नेता और पदाधिकारी जहां मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए पोस्टर, होर्डिंग्स के जरिये इसका प्रचार भी कर रहे हैं।

वहीं ब्राह्मण समाज के नेता भी अपने समाज के बीच भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पार्टी नेतृत्व का आभार जता रहे हैं। जनजाति प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता भी विष्णुदेव साय के जरिए जनजाति समुदाय को साधने का प्रयास कर रहे हैं।

Also Read:-