India News (इंडिया न्यूज)Lucknow News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दो मुस्लिम युवकों ने सनातन धर्म अपना लिया है। दोनों युवकों ने लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में सनातन धर्म अपनाया। मंदिर की महंत दिव्या गिरि ने दोनों युवकों के माथे पर तिलक लगाकर उन्हें सनातन धर्म स्वीकार कराया। इसके बाद दोनों युवकों का नामकरण किया गया। सफराज उर्फ राजन मिश्रा ने कहा कि इस्लाम में कट्टरता है, वे कुदरत को नहीं मानते। उसने बहुत पहले इस्लाम छोड़ दिया था, लेकिन अब सनातन में घर वापसी की है।
लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में दोनों युवकों ने सनातन धर्म अपना लिया। इसके बाद मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरि ने उनका नामकरण किया। इस दौरान ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर मौजूद रहे, जिन्हें पहले सैयद वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था। ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर ने कहा कि समाज में फैली नफरत और कट्टरता को पीछे छोड़ते हुए आज सरफराज अहमद जिनकी उम्र 40 वर्ष है, उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं, और दूसरे जिनका नाम गुलनाज है, उम्र- 32 वर्ष, शाहजहांपुर के रहने वाले हैं।
’18 महीने से…’ सामने आ गई चहल-धनश्री के तलाक की असली वजह! कोर्ट की दलील में दिखे 2 शॉकिंग प्वाइंट
दो मुस्लिम युवकों ने सनातन धर्म अपनाया
दोनों ने नफरत और कट्टरता छोड़कर बिना किसी दबाव के हमारे बीच सनातन धर्म और सनातन संस्कृति को स्वीकार किया है। हम सभी इन दोनों युवकों का सनातन धर्म में स्वागत करते हैं। साथ ही इनका सनातन धर्म में नाम भी जुड़ गया है। अब सरफराज अहमद का नाम राजन मिश्रा और गुलनाज का नाम विराट शर्मा है, जिन्हें समाज अब इन्हीं नामों से जानेगा और पहचानेगा।
‘इस्लाम में महिलाओं का सम्मान नहीं’
सफराज उर्फ राजन मिश्रा ने कहा कि इस्लाम में कट्टरता है, वे प्रकृति को नहीं मानते। मैंने बहुत पहले ही इस्लाम छोड़ दिया था, लेकिन अब मैं सनातन घर वापस आ गया हूं, भले ही मुझे नास्तिक कहा जाए, लेकिन मैं सनातनी ही कहलाऊंगा। मेरा अपने परिवार से कोई रिश्ता नहीं बचा है।
गुलनाज उर्फ विराट शर्मा ने कहा कि इस्लाम में महिलाओं का सम्मान नहीं है, बहुत कट्टरता है। मुझे सनातन धर्म अच्छा लगा, यहां सूर्य की पूजा होती है, प्रकृति की पूजा होती है, लेकिन इस्लाम में ऐसा नहीं माना जाता।