India News (इंडिया न्यूज)Lucknow news: तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि हिंदी को जबरन थोपने के कारण 100 साल में 25 उत्तर भारतीय भाषाएं खत्म हो गईं। इसको लेकर पूरे देश में ब्वैल मचा हुआ है। इसी मुद्दे पर यूपी विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार (28 फरवरी) को राष्ट्रीय लोकदल के विधायकों ने सपा व कांग्रेस पर हिंदी भाषा का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इस पर जवाब देना चाहिए।

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सपा और कांग्रेस पर रालोद का बड़ा हमला

यूपी सरकार के मंत्री अनिल कुमार ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि राष्ट्रीय लोकदल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए तमिलनाडु (डीएमके) के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के हिंदी के विरोध के खिलाफ आवाज उठाई! लेकिन इंडी गठबंधन के बड़े साथी राहुल गांधी जी और अखिलेश यादव जी चुप क्यों हैं, अपनी स्थिति स्पष्ट करें। उत्तर प्रदेश के 24 करोड़ हिंदी भाषी लोगों से अपील: अपनी भाषा, संस्कृति और सम्मान के लिए हमारे साथ आएं।

जानिए पूरा विवाद?

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को एक्स पर कहा है कि क्या आपने कभी सोचा है कि हिंदी ने कितनी भारतीय भाषाओं को निगल लिया है? भोजपुरी, मैथिली, अवधी, ब्रज, बुंदेली, गढ़वाली, कुमाऊंनी, मगही, मारवाड़ी, मालवी, छत्तीसगढ़ी, संथाली, अंगिका, खड़िया, खोरठा, कुरुख, मुंडारी और कई अन्य भाषाएं अब अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं। एक अखंड हिंदी पहचान की मांग प्राचीन मातृभाषाओं को खत्म कर रही है। यूपी और बिहार कभी हिंदी के गढ़ नहीं रहे। उनकी मूल भाषाएं अब अतीत की निशानी बन गई हैं। तमिलनाडु इसका विरोध करता है क्योंकि हम जानते हैं कि इसका अंत कहां होगा?

शिक्षा मंत्री और तमिलनाडु के सीएम के बीच विवाद जारी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बीच पिछले कई दिनों से जुबानी जंग चल रही है। हाल ही में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्टालिन द्वारा तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने से इनकार करने पर नाराजगी जताई थी। वहीं स्टालिन केंद्र सरकार पर इसे राज्य में जबरन लागू करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने राज्य पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया। केंद्र सरकार ने इस आरोप का खंडन किया है।

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