India News (इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh 2025: तीर्थराज प्रयागराज में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े मेले महाकुंभ का चौथा और अंतिम अमृत स्नान माघी पूर्णिमा पर बुधवार को ब्रह्म मुहूर्त से संगम के 40 स्नान घाटों पर शुरू हो गया है। सुबह आठ बजे तक 1.02 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगा ली। इस बार अखाड़े अलग से अमृत (शाही) स्नान नहीं कर रहे हैं, मान्यता के मुताबिक हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ अखाड़ों ने बसंत पंचमी पर आखिरी और तीसरा शाही स्नान पूरा किया और सभी अखाड़ों के नागा, संन्यासी वाराणसी पहुंचकर काशी विश्वनाथ का जयकारा लगा रहे हैं। इस अमृत स्नान में अखाड़ों से जुड़े प्रमुख लोग ही महाकुंभ में मौजूद हैं। इनके तीन अमृत स्नान बसंत पंचमी पर ही पूरे हो चुके हैं।

करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं

महाकुंभ 2025 में पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख स्नानों के बाद भी माघी पूर्णिमा पर करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने प्रयागराज संगम पहुंच रहे हैं। देश के कोने-कोने से यहां पहुंचे अलग-अलग वेश-भूषा, भाषा और शैली के लोगों ने भावनात्मक एकता का अद्भुत परिचय दिया। प्रयागराज की ठंड भी माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की आस्था के आड़े नहीं आ सकी। आधी रात से ही श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए जुटने लगे थे।

श्रद्धालुओं के अमृत स्नान का बना  रिकॉर्ड

मंगलवार तक महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के अमृत स्नान का रिकॉर्ड बन चुका है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर स्नान के दौरान भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत के बाद मेला प्रशासन चौथे अमृत स्नान में एहतियात बरत रहा है। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी गई है। श्रद्धालुओं को संगम या अन्य घाटों तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो, इसके इंतजाम किए गए हैं। प्रभावी गश्त के लिए मोटरसाइकिल दस्ते तैनात किए गए हैं। प्रमुख चौराहों और डायवर्जन प्वाइंटों के बैरियरों पर सीएपीएफ और पीएसी की व्यवस्था की गई है।

सुरक्षा के लिए वन-वे रूट तैयार

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए वन-वे रूट तैयार किया गया है। इसके अलावा मेले में आने वाले लोगों को पांटून पुलों पर कोई दिक्कत न हो, इसके लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। सबसे खास बात यह है कि त्रिवेणी घाटों पर अत्यधिक दबाव रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है, जहां वरिष्ठ अधिकारी भी टीम के साथ तैनात रहेंगे। बैरिकेडिंग की संख्या भी बढ़ा दी गई है। संवेदनशील स्थानों पर राजपत्रित अधिकारी नजर रखेंगे। 56 क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) तैनात की गई हैं। महाकुंभ के मुख्य स्नान दिवस माघी पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं एवं प्रयागराज वासियों की सुविधा के लिए यातायात योजना बनाई गई है, जिससे प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु सुचारु रूप से स्नान कर सकें और साथ ही शहर में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं के अलावा आज पूरे मेला क्षेत्र में वाहनों का आवागमन बंद रहेगा।
बाहर से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को संबंधित रूट की पार्किंग में पार्क कराया जा रहा है। आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं में लगे वाहनों को इससे छूट दी गई है। प्रयागराज शहर एवं मेला क्षेत्र में प्रमुख स्नानों के मद्देनजर 11 फरवरी को शाम 5 बजे के बाद शहर क्षेत्र में नो व्हीकल जोन लागू है। यह यातायात व्यवस्था 12 फरवरी को श्रद्धालुओं के मेला क्षेत्र से जाने तक लागू रहेगी, प्रयागराज शहर एवं मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश एवं निकास पर उपरोक्त प्रतिबंध कल्पवासियों के वाहनों पर भी लागू होंगे। महाकुंभ के लिए की गई इस व्यवस्था को सफल बनाने के लिए मेला प्राधिकरण ने सभी श्रद्धालुओं एवं शहरवासियों से नियमों का पालन करने का अनुरोध किया है तथा व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग की अपेक्षा की है।