India News(इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान समाजवादी पार्टी के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा स्थापित करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा कदम उठाया है। भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई ने राज्य के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में सफाई कर्मचारियों के बीच संविधान की प्रतियां वितरित कीं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में हो रही धर्मसभा एकता का महापर्व है।

आपको बता दें कि भारतीय संविधान के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भाजपा ने संविधान गौरव अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत भाजपा दलितों को सम्मानित कर रही है।महाकुंभ मेले में सफाई कर्मचारियों को माला पहनाकर संविधान की प्रतियां दी गईं। इसके बाद गुरुवार को भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के सचिव अभिजात मिश्रा ने कहा, “हम यहां उन लोगों का सम्मान करने आए हैं, जिन्हें गैर भाजपा राजनीतिक दलों और सरकारों ने सिर्फ वोट बैंक बना दिया है। उन्होंने कहा कि हम महाकुंभ में संविधान की प्रतियां लेकर आए हैं, ताकि एकता की भावना को मजबूत किया जा सके। यह एकता ही है जिसे राजनीतिक विरोधी नकारना चाहते हैं।

क्या यह सपा जैसा फैसला है?

भाजपा का यह कदम समाजवादी पार्टी द्वारा महाकुंभ में दिवंगत मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा लगाने के फैसले जैसा है। 2027 के चुनाव से पहले सभी दल पिछड़े वर्गों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस ने भाजपा को घेरने के लिए 27 जनवरी को ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली का ऐलान किया है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी भाजपा द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के कथित अपमान के मुद्दे पर बयान दे रही हैं।

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इस साल की शुरुआत में 2019 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ में सफाई कर्मचारियों के लिए स्कूल शुरू किए थे। वहीं, उस साल कुंभ की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलित सफाई कर्मचारियों के पैर धोए थे। इस साल के महाकुंभ में प्रधानमंत्री ने निषाद राज पार्क में भगवान राम और निषाद राज की प्रतिमा का अनावरण किया। निषाद यूपी में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली ओबीसी समुदाय है, जो मांग करता है कि उसे एससी में शामिल किया जाए।

महाकुंभ में राजनीति पर RSS ने क्या कहा?

महाकुंभ से राजनीति जारी है RSS के एक वरिष्ठ नेता ने कहा- हम एकता के पक्षधर हैं और महाकुंभ जातीय सद्भाव का एक बड़ा उदाहरण है। यहां हर तरह के मतभेद सुलझाए जाते हैं। राजनीतिक मामलों के जानकार और सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ चुके सुधीर पवार ने कहा कि जाति जनगणना के मुद्दे पर विपक्षी दल और भाजपा के सहयोगी एकजुट हैंय़ इस मुद्दे पर भाजपा बड़ी दुविधा में है। भले ही नवंबर 2024 का उपचुनाव भाजपा ने जीत लिया हो। हालांकि, फैजाबाद लोकसभा सीट की हार से भाजपा अभी भी उबर नहीं पाई है। अब वह महाकुंभ के जरिए लोगों का मूड भांप रही हैं।