India News (इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ में एप्पल की मालकिन लॉरेन पॉवेल जॉब्स विशेष मेहमान के तौर पर भाग लेंगी। वे निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में रहकर 13 जनवरी से 29 जनवरी तक कल्पवास करेंगी। इस दौरान लॉरेन साधुओं के साथ सादगीपूर्ण जीवन बिताएंगी और गंगा स्नान व धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेंगी।
आध्यात्मिकता की ओर लॉरेन का रुझान
लॉरेन पॉवेल जॉब्स, जो एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी थीं, आध्यात्मिकता और भारतीय परंपराओं से विशेष लगाव रखती हैं। उन्होंने हिंदू धर्म की गहराइयों को समझने के लिए यह निर्णय लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वे महाकुंभ में कथा आयोजन की पहली यजमान भी होंगी। 19 जनवरी से शुरू हो रही कथा में वे सक्रिय भूमिका निभाएंगी।
स्टीव जॉब्स और भारतीय आध्यात्मिकता का जुड़ाव
स्टीव जॉब्स भी भारतीय आध्यात्मिकता से प्रेरित थे। वे हमेशा बाबा नीब करौली की तस्वीर और परमहंस योगानंद की पुस्तक योगी की आत्मकथा अपने पास रखते थे। लॉरेन का यह कदम उनके पति की इसी आध्यात्मिक प्रेरणा से जुड़ा प्रतीत होता है।
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क्या है कल्पवास?
महाकुंभ में कल्पवास एक विशेष आध्यात्मिक साधना है, जिसमें श्रद्धालु गंगा किनारे शिविरों में रहकर धार्मिक अनुशासन का पालन करते हैं। प्रतिदिन गंगा स्नान, साधु-संतों के प्रवचन सुनना और भजन-कीर्तन करना इस साधना का अभिन्न हिस्सा है।
महाकुंभ का वैभव
प्रयागराज महाकुंभ 26 फरवरी को समाप्त होगा, जिसमें तीन शाही स्नान शामिल हैं। 14 जनवरी, 29 जनवरी और 3 फरवरी को यह शाही स्नान होंगे। अखाड़ों का शाही प्रवेश भी शुरू हो चुका है, जिसमें श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा, श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा और श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा शामिल हैं। लॉरेन पॉवेल जॉब्स का यह कदम भारत के सनातन धर्म और आध्यात्मिक परंपराओं की वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा।