2027 में भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकना है.., अखिलेश यादव के कुंभ स्नान के बाद शिवपाल यादव का बयान
अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव
India News (इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh 2025: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव औरैया जिले में पीडीए के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। शिवपाल सिंह यादव ने महाकुंभ मेले में व्यवस्था पर सवाल उठाने पर अखिलेश यादव का समर्थन किया। उन्होंने भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार में बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। थानों और तहसीलों में दलालों को महत्व मिलता है। भाजपा सरकार में सिर्फ अफसरशाही चल रही है। सपा की सरकार बनने पर गरीबों, किसानों और मजदूरों की बात होगी, 2027 में भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकना है।
सपा नेता ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा..
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश में और समाजवादी पार्टी के प्रदेश में बहन बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं, बहन बेटियों पर कोई मुसीबत आई तो तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। अब खुली छूट है, गुंडे, अपराधी और दलालों को थानों और तहसीलों में हर जगह दलाली मिल रही है। भाजपा के मुख्यमंत्री लगातार सपा पर सवाल उठाते हैं। सपा नेता ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सपा ने विकास का काम किया है, कभी बांटने का काम नहीं किया।
भाजपा समाज को बांटने का काम करती है। कुंभ को लेकर उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव कुंभ में स्नान करने गए थे, देखिए ये कुंभ मेला है, वो स्नान करने गए थे और फिर स्नान करेंगे। हमारा परिवार वहां कई बार गया है और कई बार स्नान किया है। समाजवादी पार्टी के लोग स्नान करेंगे, पीडीए है, वो स्नान करते हैं, यहां कोई नई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के समय में एक बार चार सौ करोड़ रुपये और एक बार छह सौ करोड़ रुपये खर्च होते थे। बहुत अच्छी व्यवस्था थी, इस बार आप व्यवस्था देख रहे हैं, लोग व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं।
मौजूदा सरकार के मंत्रिमंडल के लोगों ने स्नान किया, उसके बाद परियोजनाओं का उद्घाटन किया। ये सरकार झूठी सरकार है। शिवपाल यादव ने कहा कि ये घोषणाएं करते हैं, कभी पूरी नहीं करते। यहां देखिए 11 हजार करोड़ रुपये खर्च हो गए और उसमें लूट मची है। हम 2027 के चुनाव में इस बेईमान भारतीय जनता पार्टी को हटा देंगे। कानून व्यवस्था नहीं है। हमने कई बार कानून व्यवस्था की बात की है। कानून व्यवस्था नहीं है। राजू दास पर उन्होंने कहा कि संत ऐसी भाषा नहीं बोलते, अगर बोलते हैं तो वे संत नहीं हैं।