India News (इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के सहारे लगातार विपक्षि पार्टी योगी सरकार को घेर रही है।  जहां इसी कड़ी में  समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को यूपी सरकार से महाकुंभ में प्रभावित श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा, भोजन और कपड़े उपलब्ध कराने को कहा। अखिलेश की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब बुधवार को महाकुंभ के संगम क्षेत्र में भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए, क्योंकि लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए स्थान पाने की होड़ में थे।

दुर्घटनाओं का सच छिपाना गलत…

अखिलेश ने यह भी कहा कि दुर्घटनाओं का सच छिपाना, आंकड़े छिपाना, सबूत छिपाना अपराध है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार और सीएम नैतिक रूप से मर चुके हैं, राजनीतिक रूप से भी सरकार मृतकों की संख्या छिपा रही है ताकि मुआवजा न देना पड़े, यूपी सरकार सारी जानकारी छिपा रही है। सरकार जनता का ध्यान भटकाना चाहती है, हादसे के पीछे कोई साजिश नहीं है, यह सिर्फ सरकार की विफलता है, साधु-संत भी यही कह रहे हैं।

पोस्ट के सहारे कही ऐसी बात

वहीं महाकुंभ में व्यवस्थाओं को लेकर राज्य सरकार को सुझाव देते हुए अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, भोजन-पानी के लिए ढाबे खोलने और जगह-जगह दिन-रात भंडारे आयोजित करने की अपील की जानी चाहिए। इसी पोस्ट में उन्होंने कहा, “पूरे प्रदेश से मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को स्वयंसेवकों के दोपहिया वाहनों के जरिए दूरदराज के इलाकों में फंसे लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।” अखिलेश यादव ने कहा, “महाकुंभ के आसपास और पूरे प्रदेश में मीलों तक फंसे वाहनों को पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। दवा की दुकानों को दिन-रात खुली रहने दी जाए।”
अखिलेश ने मांग की कि “ठंड में रास्ते में फंसे लोगों को कपड़े और कंबल दिए जाएं।” उन्होंने यह भी पूछा, “जब हजारों करोड़ रुपये प्रचार और दुर्घटना की खबर दबाने पर खर्च किए जा रहे हैं, तो सरकार पीड़ितों के लिए कुछ करोड़ रुपये खर्च करने से क्यों कतरा रही है?” आपको बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था। लेकिन अचानक आस्था का यह सैलाब मातम में बदल गया। दरअसल, संगम तट पर बैरिकेडिंग टूटते ही भगदड़ मच गई। हजारों लोग चीख-पुकार करते हुए एक-दूसरे पर गिरने लगे और भगदड़ ने भीषण रूप ले लिया। कुछ ही देर में हादसे में 30 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 60 घायल हो गए। कई लोग अभी भी लापता हैं। उनके परिजन उनकी तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं।