India News (इंडिया न्यूज़),Maha kumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में आईआईटी कानपुर ने वीवीआईपी और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का मोर्चा संभाल लिया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और साइबर सुरक्षा जैसी तकनीकों का उपयोग करते हुए डिजिटल सिक्योरिटी को मजबूत किया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य हस्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने आईआईटी कानपुर को जिम्मेदारी सौंपी है।

वैज्ञानिकों की टीम करेगी सुरक्षा का विश्लेषण

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल की देखरेख में 10 से अधिक वरिष्ठ वैज्ञानिकों की टीम महाकुंभ के सुरक्षा इंतजामों का डिजिटल रिव्यू कर रही है। पिछले दो महीनों से यह टीम प्रयागराज का नियमित दौरा कर जगह-जगह लगाए गए सेंसर, मेटल डिटेक्टर और स्कैनरों का निरीक्षण कर रही है। सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही है।

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डिजिटल सुरक्षा में आरएस-आईडी और सर्वर का उपयोग

वीवीआईपी सुरक्षा के लिए आरएस-आईडी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने में मददगार है। इसके अलावा, अलग-अलग स्थानों पर कई सिक्योरिटी सर्वर स्थापित किए गए हैं, ताकि किसी भी असामान्य गतिविधि को तुरंत पहचाना जा सके। टीम की प्राथमिकता है कि सुरक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की कमी न रहे, और इसके लिए नियमित समीक्षा के साथ बदलाव भी किए जा रहे हैं।

श्रद्धालुओं और हस्तियों की सुरक्षा सर्वोपरि

महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। इसके साथ ही कई बड़ी राजनीतिक और गैर-राजनीतिक हस्तियां भी इस महोत्सव में शिरकत करेंगी। इसे ध्यान में रखते हुए आईआईटी कानपुर की टीम सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर रही है।

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