India News (इंडिया न्यूज),Maha Kumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में देश भर से संत महात्मा पहुंच रहे हैं, आपको बता दें कि लेकिन हरियाणा से आए हुए आवाहन अखाड़े के संत गीतानंद जी महाराज श्रद्धालुओं के बीच खास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। गीतानंद जी महाराज अपने शरीर पर ढाई लाख रुद्राक्ष धारण किए रहते हैं। ढाई लाख रुद्राक्ष से तैयार की गई तकरीबन ढाई हजार मालाओं को शिवलिंग की आकृति बनाकर उसे अपने सिर पर रखे रहते हैं। सिर पर रखे हुए रुद्राक्ष का वजन तकरीबन 45 किलो होता है।
आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं
आपको बता दें कि गीतानंद जी महाराज इसके साथ ही शरीर पर रुद्राक्ष का कवच भी धारण किए रहते हैं। सिर से लेकर पेट तक ढाई लाख रुद्राक्ष धारण करने की वजह से लोग इन्हें रुद्राक्ष वाले बाबा के नाम से भी जानते हैं। प्रयागराज महाकुंभ में यह बाबा जब रोडों पर निकलते हैं तो उन्हें देखने और उनके साथ फोटो और सेल्फी लेने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है। कोई रुद्राक्ष वाले इस बाबा के बारे में जानना चाहता है तो कोई उनके साथ तस्वीरें भी खिंचाना चाहता है।
रुद्राक्ष धारण करने का संकल्प
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सन्यासियों के आवाहन अखाड़े से जुड़े हुए महंत गीतानंद हरियाणा के पलवल से आए हुए हैं। उनका आश्रम हरियाणा और पंजाब में है। गीतानंद जी महाराज के अनुसार 6 साल पहले साल 2019 में वह प्रयागराज में संगम की रेती पर लगे कुंभ मेले में आए हुए थे। यहां उन्होंने 12 सालों के लिए सिर पर सवा लाख रुद्राक्ष धारण करने का संकल्प लिया था। यह संकल्प विश्व कल्याण और सनातन धर्म की मजबूती की कामना के साथ लिया गया था।