India News(इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के समापन के पांच दिन बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ में 29 जनवरी को मची भगदड़ के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की, पीड़ितों को चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की और व्यापक दहशत को रोका।

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‘घटना को ज्यादा उजागर नहीं होने दिया गया, क्योंकि…’

राजधानी लखनऊ में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) और भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि हमने घटना को ज्यादा उजागर नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि उस समय प्रयागराज और कुंभ मेला क्षेत्र में 8 करोड़ श्रद्धालु और संत मौजूद थे, अराजकता के कारण स्थिति और खराब हो सकती थी।

सीएम योगी ने कहा कि मौनी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालुओं के अलावा 13 अखाड़ों के संतों को भी उस दिन सुबह अमृत स्नान करना था। ऐसे आयोजनों में अक्सर दो बड़ी चुनौतियां सामने आती हैं – संतों के बीच स्नान का क्रम तय करना, जिससे ऐतिहासिक रूप से विवाद होते रहे हैं और यह सुनिश्चित करना कि अनुष्ठान निर्धारित समय सुबह 4 बजे सुचारू रूप से हो।

महाकुंभ में भगदड़ के बाद तत्काल कार्रवाई की गई- सीएम

उन्होंने कहा कि भगदड़ की इस घटना के बावजूद सभी अखाड़े स्नान के लिए तैयार थे, लेकिन प्रशासन ने हस्तक्षेप कर कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। आदित्यनाथ ने कहा कि मैंने व्यक्तिगत रूप से उनसे स्थिति को संभालने के लिए अनुष्ठान को स्थगित करने का अनुरोध किया।

सीएम योगी ने बताया कि अधिकारियों ने भीड़ पर कड़ी नजर रखी, दोपहर तक संगम क्षेत्र को खाली करा लिया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि दोपहर 2:30 बजे तक स्नान फिर से शुरू हो जाए। सीएम योगी ने कहा कि “कठिन परिस्थितियों में कई लोग घबरा जाते हैं और हार मान लेते हैं, लेकिन हमें धैर्य और नियंत्रण के साथ दृढ़ निर्णय लेने की शक्ति विकसित करनी चाहिए।”

भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत

बता दें कि महाकुंभ के मुख्य स्नान दिवस मौनी अमावस्या पर संगम घाट पर मची भगदड़ में कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए। इसके बाद प्रशासन पर कई सवाल उठे थे।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महाकुंभ के आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं, संतों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत सभी हितधारकों के बीच समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने व्यवस्था बनाए रखने और कार्यक्रम का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से बातचीत शुरू की।”

66 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी

महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है, जिसमें दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिससे अधिकारियों के लिए भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन जाती है। उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इस साल प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में 66 करोड़ से ज़्यादा तीर्थयात्री आए।

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