India News (इंडिया न्यूज़),Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। इस अपार भीड़ के सुगम और सुरक्षित आवागमन के लिए प्रयागराज रेल मंडल ने रिकॉर्ड 700 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया। इनमें 400 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें शामिल थीं। रेलवे के इस बेहतरीन प्रबंधन के चलते दो दिनों में 20 लाख से अधिक श्रद्धालु सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच पाए।

8 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया

मौनी अमावस्या पर्व पर 8 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया, जबकि दूसरे दिन भी करीब 2 करोड़ लोगों ने पवित्र स्नान किया। इतने बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए प्रयागराज रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें, होल्डिंग एरिया, कलर कोडेड शेल्टर और सख्त भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था की थी।

400 से ज्यादा मेला स्पेशल ट्रेनें संचालित की गईं

रेलवे प्रशासन के मुताबिक 29 जनवरी को 400 से ज्यादा मेला स्पेशल ट्रेनें संचालित की गईं, जबकि 30 जनवरी को 175 स्पेशल ट्रेनों समेत 300 से ज्यादा ट्रेनें चलाई गईं। प्रयागराज के प्रमुख स्टेशनों से ट्रेनों का सफल संचालन प्रयागराज रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन (यहां से ज्यादातर ट्रेनें चलती थीं), नैनी, छिवकी, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, रामबाग और झूंसी रेलवे स्टेशनों समेत शहर के सभी प्रमुख स्टेशनों से ट्रेनों का संचालन किया।

रेलवे ने खास कलर कोडेड टिकटिंग सिस्टम लागू किया

रेलवे ने खास कलर कोडेड टिकटिंग सिस्टम लागू किया, ताकि यात्रियों को सही दिशा में उनके गंतव्य तक भेजा जा सके। इसके अलावा रेलवे ने सुरक्षित और सुगम यात्रा के लिए कुछ विशेष इंतजाम किए थे, जैसे यात्रियों को भीड़ से बचाने और आसानी से ट्रेनों तक पहुंचाने के लिए होल्डिंग एरिया बनाए गए थे। रेलवे द्वारा किए गए अभूतपूर्व इंतजामों के कारण श्रद्धालुओं को यात्रा में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। कई यात्रियों ने कहा कि इतनी भीड़ के बावजूद यात्रा सुगम और सुरक्षित रही।

रेलवे का उद्देश्य है कि प्रत्येक श्रद्धालु को सुरक्षित  यात्रा  मिले

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे का संकल्प प्रयागराज रेलवे प्रशासन ने कहा कि महाकुंभ 2025 में आने वाले अन्य प्रमुख स्नान पर्वों पर भी इसी प्रकार की व्यवस्था की जाएगी। रेलवे का उद्देश्य है कि प्रत्येक श्रद्धालु को सुरक्षित, सुविधाजनक और तेज यात्रा का अनुभव मिले। इस बार रेलवे के बेहतर प्रबंधन के कारण दो दिनों में 20 लाख से अधिक श्रद्धालु सुरक्षित अपने घर पहुंच पाए, जो एक रिकॉर्ड है। श्रद्धालुओं ने रेलवे की इस सेवा की सराहना की और सरकार से भविष्य में भी इसी प्रकार की व्यवस्था जारी रखने की मांग की।