India News (इंडिया न्यूज), Mahakumbh 2025: महाकुंभ में देश-विदेश से श्रद्धलु आस्था की डुबकी लगाने संगम पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में हाथरस जिले के टुकसान गांव के सचिन ने 10 दिनों में 485 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर सोमवार की रात प्रयागराज संगम में स्नान किया और गंगा मइया का पूजन किया। उन्होंने यह कठिन यात्रा अपने 18 महीने के दिव्यांग बेटे की खुशहाली के लिए मन्नत के रूप में पूरी की।
बेटे के लिए महाकुंभ में मांगी मन्नत, अब अयोध्या और उज्जैन की यात्रा
सचिन अपने साथ “जय श्रीराम” लिखे दो झंडे लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा दिवांक कमर और गर्दन से दिव्यांग है। कई अस्पतालों में इलाज कराने और मंदिरों में दर्शन-पूजन करने के बाद जब बेटे की तबीयत में सुधार दिखा, तो उन्होंने धार्मिक स्थलों की पैदल यात्रा करने का संकल्प लिया।
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रोजाना तय करते हैं 40-45 किलोमीटर का सफर
सचिन ने बताया कि वह 24 जनवरी को अपने घर से निकले थे और रोजाना 40 से 45 किलोमीटर पैदल यात्रा करते हैं। रात में किसी ढाबे पर भोजन करने के बाद वहीं विश्राम कर लेते हैं और सुबह 8 बजे से यात्रा शुरू कर देते हैं। संगम स्नान के बाद उन्होंने अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन के लिए पैदल यात्रा करना शुरू कर दी।
अयोध्या के बाद महाकाल के दर्शन का संकल्प
प्रभु श्रीराम के दर्शन के बाद सचिन दो दिन आराम करेंगे और फिर उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए पैदल यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि “भले ही कितने दिन लग जाएं, लेकिन मैं अपनी मन्नत पूरी करने के बाद ही घर लौटूंगा। गंगा मइया का आशीर्वाद मिल गया है, अब यात्रा सफल होगी।
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रात को आया था बेटे को सपना
सचिन की मां ने बताया कि 14 दिन पहले सचिन को अचानक रात में सपना आया और सपने में कहा कि अपने घर से प्रसाद लेकर महाकुंभ प्रयागराज व अयोध्या आया तेरा बेटा ठीक हो जाएगा। बस इसी सपने की आस को लेकर चल पड़ा। प्रयागराज संगम और अयोध्या रामलला मंदिर में पूजा अर्चना करने, घर से 14 दिन पहले सचिन बिना बताएं चल दिया तो परिवार भी परेशान हो गया। फिलहाल, सचिन ने प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगाकर पूजा अर्चना कर ली है और अब सचिन अयोध्या रामलला के दर्शन करने के लिए पैदल चल पड़ा है।