India News (इंडिया न्यूज), MahaKumbh 2025: महाकुंभ में हर दिन लाखों श्रद्धालु आते हैं। भीड़भाड़ के बीच कई लोग अपनों से बिछड़ जाते हैं। ऐसे लोगों को उनके परिवार से मिलाने का जिम्मा केवल मेला प्रशासन का नहीं, बल्कि कुछ लोगों ने इसे व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी बना लिया है। संभल में तैनात एडिशनल एसपी अनुकृति शर्मा ऐसी ही एक शख्सियत हैं। 580 किमी दूर रहकर भी वह बिछड़े लोगों को अपनों से मिलाने का काम कर रही हैं।
सोशल मीडिया बना जरिया
मौनी अमावस्या के बाद अनुकृति ने महाकुंभ में खोए हुए लोगों की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा करनी शुरू कीं। उनका यह प्रयास लोगों को अपनों से मिलाने का अनूठा जरिया बन गया। अब तक अनुकृति दर्जनों लोगों को उनके परिवार से मिलवा चुकी हैं। इनमें देश के विभिन्न राज्यों के लोग ही नहीं, बल्कि नेपाल से आए एक श्रद्धालु भी शामिल हैं।
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कारगर हथियार
अनुकृति शर्मा ने अपनी पोस्ट को देशभर में फैले अपने बैचमेट्स और हजारों फॉलोअर्स के साथ साझा किया। इससे खोए हुए लोगों की जानकारी तेजी से फैली और उनके परिवारवालों तक पहुंच गई। उनका यह व्यक्तिगत प्रयास सोशल मीडिया की ताकत का बेहतरीन उदाहरण है।
नासा से IPS तक का सफर
2020 बैच की आईपीएस अनुकृति शर्मा ने नासा में वैज्ञानिक के रूप में काम किया था। लेकिन समाजसेवा और बेहतर प्रशासन के इरादे ने उन्हें भारतीय पुलिस सेवा की ओर खींच लिया। पहली ही पोस्टिंग में बुलंदशहर में उन्होंने कई सराहनीय कार्य किए। वर्षों से अंधेरे में रह रही एक बुजुर्ग महिला के घर बिजली पहुंचाने की उनकी पहल देशभर में चर्चा में रही। इसके अलावा उनके ‘पुलिस माई फ्रेंड’ अभियान को भी खूब सराहना मिली।
सामाजिक सरोकारों में गहरी रुचि
बेहतर पुलिसिंग के साथ अनुकृति सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहती हैं। वह मानती हैं कि एक पुलिस अधिकारी का काम सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखना नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। महाकुंभ में उनके इस प्रयास ने यह बात एक बार फिर साबित कर दी। अनुकृति के इस काम से बिछड़े लोगों की मुस्कान वापस लौटी है। यह न केवल उनकी मानवता की मिसाल है, बल्कि पुलिसिंग के नए आयामों को भी दर्शाता है। उनके प्रयासों की हर ओर सराहना हो रही है।