India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ मेले के दौरान मुफ्त जनरल टिकट यात्रा से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स पर रेल मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है। भारतीय रेलवे ने स्पष्ट किया है कि महाकुंभ मेले के दौरान यात्रियों को मुफ्त यात्रा की अनुमति देने की खबरें पूरी तरह से निराधार और भ्रामक हैं।
यात्रा के लिए टिकट अनिवार्य होगा
महाकुंभ मेले के दौरान यात्रा के लिए वैध टिकट अनिवार्य होगा। भारतीय रेलवे के नियमों और विनियमों के तहत वैध टिकट के बिना यात्रा करना प्रतिबंधित है और यह दंडनीय अपराध है।
भारतीय रेलवे ने की व्यवस्था
भारतीय रेलवे महाकुंभ मेले के दौरान यात्रियों की सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए विशेष होल्डिंग एरिया बनाए जा रहे हैं, अतिरिक्त टिकट काउंटर और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है ताकि यात्रियों की भारी भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
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12 साल बाद क्यों होता है महाकुंभ?
पौराणिक कथाओं पर आधारित मान्यता के अनुसार देवताओं के 12 दिन पृथ्वी के एक वर्ष के बराबर होते हैं। देवताओं के गुरु माने जाने वाले बृहस्पति हर साल राशि बदलते हैं और इस तरह उन्हें दोबारा उसी राशि में आने में पूरे 12 साल लगते हैं। इसी कारण से हर 12 साल बाद किसी खास स्थान पर महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
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इन जगहों पर भी होता है महाकुंभ
प्रयागराज के अलावा हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में भी महाकुंभ का आयोजन होता है। सभी महाकुंभ ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखकर आयोजित किए जाते हैं। हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन तब होता है जब बृहस्पति कुंभ राशि में होता है और सूर्य मेष राशि में गोचर करता है। वहीं, जब सूर्य भी बृहस्पति के साथ सिंह राशि में स्थित होता है, तब नासिक में महाकुंभ का आयोजन होता है। जब सूर्य मेष राशि में स्थित होता है और बृहस्पति सिंह राशि में गोचर करता है, तब महाकुंभ मेले के आयोजन के लिए उज्जैन को चुना जाता है।