India News (इंडिया न्यूज), Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में वसंत पंचमी के अवसर पर महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान संपन्न होने के साथ ही अखाड़ों की धर्मध्वजा को उतारने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके साथ ही संत अपने-अपने आश्रमों और मुख्यालयों की ओर प्रस्थान करने लगे हैं। मंगलवार को निर्मल अखाड़ा और नया उदासीन अखाड़ा की धर्मध्वजा उतारी गई। मेला क्षेत्र में स्थित गुरु ग्रंथ साहिब को कल्याणी देवी स्थित पक्की संगत ले जाया गया।

धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा कर वापसी लौट रहे संत

संतों ने महाकुंभ क्षेत्र में अपने धार्मिक अनुष्ठानों को पूर्ण करने के बाद अब वापसी की राह पकड़ ली है। कई संत हरिद्वार के कनखल स्थित अपने मुख्यालय की ओर रवाना हो गए, जबकि कुछ दिल्ली, पंजाब और अन्य स्थानों की ओर कूच कर चुके हैं। नया उदासीन अखाड़ा की धर्मध्वजा मंगलवार को उतारी गई, जबकि बड़ा उदासीन अखाड़ा की धर्मध्वजा सात फरवरी को उतारी जाएगी। आठ फरवरी को बड़ा उदासीन अखाड़ा के संत कीडगंज मुख्यालय की ओर प्रस्थान करेंगे। रमता पंच के संत कुछ दिनों तक कीडगंज में विश्राम करेंगे और उसके बाद अपनी अगली यात्रा के लिए रवाना होंगे। महाकुंभ क्षेत्र में अब धीरे-धीरे मेले की चहल-पहल कम हो रही है।

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स्नान क्षेत्र से हटाई जा रही बैरिकेडिंग

महाकुंभ के अमृत स्नान के दौरान अखाड़ों के संतों के स्नान के लिए विशेष बैरिकेडिंग की गई थी। संगम तट पर यह बैरिकेडिंग आम श्रद्धालुओं को अखाड़ों के स्नान क्षेत्र में जाने से रोकने के लिए लगाई गई थी। अमृत स्नान के समाप्त होते ही अब इस बैरिकेडिंग को हटाया जा रहा है।

कुंभ क्षेत्र में फिर से लौट रही शांति

महाकुंभ का यह आयोजन धार्मिक आस्था और परंपराओं का अद्भुत संगम था। संतों ने कुंभ क्षेत्र में भक्तों को दर्शन और आशीर्वाद देकर इस धार्मिक पर्व को विशेष बना दिया। अब संतों के प्रस्थान के साथ मेला धीरे-धीरे अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। कुंभ क्षेत्र में एक बार फिर शांति लौट रही है, लेकिन भक्तों के दिलों में इस आयोजन की स्मृतियां लंबे समय तक जीवित रहेंगी।

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