महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान के साथ संपन्न हुआ ऐतिहासिक महाकुम्भ 2025, PM Modi ने शेयर की खास तस्वीरें
Mahakumbh 2025
India News (इंडिया न्यूज़), Mahakumbh 2025: अंतिम स्नान के साथ ऐतिहासिक प्रयागराज महाकुंभ 2025 का समापन: मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और आयोजन से जुड़े सभी विभागों, स्वयंसेवी संगठनों, नाविकों, सफाई कर्मियों, गंगा दूतों और महाकुंभ प्रशासन को हार्दिक बधाई और आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रयागराज की जनता का भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया, जिनके धैर्य और आतिथ्य ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया।
आयोजन को और भी भव्य बना दिया
महाकुंभ 2025 के आखिरी दिन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। रात से ही श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए जुटने लगे थे. इस दौरान एसएसपी महाकुंभ राजेश द्विवेदी ने कहा, “कोई भी इस मौके को गंवाना नहीं चाहता। प्रयागराज के लोग भी आखिरी स्नान में बड़ी संख्या में हिस्सा ले रहे हैं। हमारी व्यवस्थाओं की वजह से लोगों की आवाजाही सुचारू रूप से चल रही है। अब तक 65 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। महाशिवरात्रि को भगवान शिव की रात के रूप में जाना जाता है और इसे भारत समेत अन्य हिंदू बहुल देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
यह दिन चंद्र-सौर कैलेंडर के अनुसार हर महीने की 13वीं रात या 14वें दिन पड़ता है। इस दिन भगवान शिव के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और भक्त दिनभर उपवास रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं।
ऐतिहासिक प्रयागराज महाकुंभ 2025 का अंतिम स्नान के साथ समापन:
महाकुंभ-2025 की शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर पहले अमृत स्नान के साथ हुई। इसके बाद विभिन्न महत्वपूर्ण तिथियों पर स्नान हुए:
14 जनवरी – मकर संक्रांति
29 जनवरी – मौनी अमावस्या
3 फरवरी – बसंत पंचमी
12 फरवरी – माघी पूर्णिमा
26 फरवरी – महाशिवरात्रि (अंतिम स्नान)
अंतिम ‘शाही स्नान’ के अवसर पर श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया। प्रयागराज प्रशासन और सुरक्षा बलों ने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए दिन-रात काम किया, जिसके कारण पूरा आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हुआ।
वहीं अंतिम स्नान के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर किया पोस्ट
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि, “महाकुंभ संपन्न हुआ… एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में जिस तरह 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ आई और 45 दिनों तक एक ही पर्व से जुड़ी, वह अभिभूत करने वाला है! महाकुंभ के समापन के बाद मेरे मन में जो विचार आए, उन्हें मैंने लिखने का प्रयास किया है”।