India News (इंडिया न्यूज़),Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में साधु-संतों के अनोखे स्वरूप श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन्हीं में से एक हैं ‘गोल्डन बाबा’, जो लगभग 6 करोड़ रुपये कीमत का सोना पहनकर अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। उनका असली नाम एसके नारायण गिरी जी महाराज है, जो मूल रूप से केरल से हैं लेकिन वर्तमान में दिल्ली में निवास करते हैं।
सोने से सजे व्यक्तित्व के कारण चर्चा का बने विषय
बाबा निरंजनी अखाड़े से जुड़े हुए हैं और अपने सोने से सजे व्यक्तित्व के कारण चर्चा का विषय बने हुए हैं। 67 वर्षीय गोल्डन बाबा के पास करीब 4 किलो सोने के आभूषण हैं, जिनमें अंगूठियां, कंगन, घड़ी, लॉकेट और यहां तक कि एक सोने की छड़ी भी शामिल है। इस छड़ी पर देवी-देवताओं के लॉकेट लगे हैं, जिन्हें बाबा अपनी साधना का प्रतीक मानते हैं। बाबा का कहना है कि यह सोना केवल दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि उनके आध्यात्मिक जीवन और गुरु के प्रति उनकी श्रद्धा को दर्शाता है।
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धर्म और शिक्षा के माध्यम से बदलाव की प्रेरणा
बाबा ने निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज से दीक्षा ली थी और अध्यात्म के मार्ग पर चल पड़े। वे न केवल धार्मिक, बल्कि शैक्षिक क्षेत्र में भी कार्यरत हैं। उनका मानना है कि धर्म और शिक्षा को साथ लेकर चलने से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। बाबा का हर आभूषण उनके साधना के सफर की कहानी कहता है। उनका मोबाइल भी सोने की परत से ढका हुआ है। श्रद्धालु उन्हें ‘गोल्डन बाबा’ कहकर बुलाते हैं, और बाबा इस नाम को सहजता से स्वीकारते हैं। उनका सोने से सजा व्यक्तित्व न केवल कुंभ मेले में एक अलग छवि प्रस्तुत करता है, बल्कि भक्ति और अध्यात्म का संदेश भी देता है।
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