India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh Mela 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन रविवार से शुरू हो गया है, और पहले ही दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम तट पर उमड़ पड़ी। आज पौष पूर्णिमा के अमृत स्नान का अवसर है, जिसमें सुबह से ही लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।

महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोगों के आने की उम्मीद

अधिकारियों के अनुसार, आज करीब 1 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में स्नान करने की उम्मीद है। शनिवार और रविवार को भी श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में आकर संगम पर स्नान किया। शनिवार को 33 लाख और रविवार को 50 लाख लोगों ने पवित्र स्नान किया। पिछले 48 घंटों में कुल 85 लाख श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, जो इसे इतिहास का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बना देगा।

अखाड़ों का प्रवेश और तैयारियां पूरी

सनातन धर्म के प्रतिनिधि माने जाने वाले सभी 13 अखाड़ों ने महाकुंभ के 40 दिन के उत्सव की शुरुआत से पहले अपने-अपने निर्धारित क्षेत्रों में शिविर स्थापित कर लिए हैं। रविवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के शिविर क्षेत्र में प्रवेश के साथ ही अखाड़ों के जुलूस का समापन हुआ। मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को पहला शुभ स्नान होगा, जिसमें अखाड़े निर्धारित क्रम में डुबकी लगाएंगे।

Makar Sankranti 2025: Yogi सरकार का बड़ा ऐलान! 14 जनवरी को रहेगा सार्वजनकि अवकाश, आदेश जारी

आधुनिकता और आस्था का संगम

उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि इस बार महाकुंभ आस्था और आधुनिकता का संगम है। पारंपरिक पुलिस व्यवस्था के साथ तकनीक का अधिकतम उपयोग कर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। भीड़ प्रबंधन, स्वच्छता और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। पुष्प वर्षा के साथ कुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

विशाल आयोजन की हुई व्यवस्थाएं

इस ऐतिहासिक आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। संगम क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और पूरे आयोजन को डिजिटल रूप से संचालित करने की योजना बनाई गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण और साफ-सफाई के लिए विशेष टीमें तैनात हैं। महाकुंभ 2025 की शुरुआत ने एक बार फिर से दुनिया को भारतीय संस्कृति और आस्था की शक्ति का परिचय दिया है। संगम पर श्रद्धा का यह अद्भुत नजारा भारत की धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बनकर सामने आया है।

श्रीगंगानगर में दर्दनाक सड़क हादसा, कोहरे की चपेट में आई रोडवेज बस और बोलेरो, 3 की मौत