अजय त्रिवेदी, लखनऊ:
Mahant Narendra Giri Death: उत्तर प्रदेश में हाल के कई सालों में से सबसे हाई प्रोफाइल मंहत की कथित मौत के मामले में रोज नए खुलासे सामने आ रहे हैं। गुरुवार की सुबह से वायरल हो रहे एक वीडियो ने पूरे मामले को हत्या बनाम आत्महत्या के सवाल पर और उलझा दिया है। वीडियो तब का बताया जाता है जब अपने कमरे में रस्सी के फंदे से झूल रहे महंत नरेंद्र गिरी के शव को नीचे उतारा गया था। वीडियों में साफ दिखाई दे रहा है कि महंत ने आत्महत्या के लिए जिस सीलिंग पंखे के हुक से रस्सी बांधी थी वह चलता पाया गया।
महंत के कपड़े कहीं से भी अस्त व्यस्त नहीं थे और न हीं उनके चेहरे पर किसी तरह के पीड़ा के निशान नजर आ रहे थे। मंहत का शव शांत मुद्रा में साफ दिख रहा है। वीडियों में रस्सी का एक हिस्सा पंखे के हुक से बंधा दिख रहा तो दूसरा हिस्सा कमरे की मेज पर रखा गया है। पुलिस महकमे से जुड़े लोगों का कहना है कि चलते हुए पंखे के हुक से रस्सी बांध कर फांसी पर लटकना असंभव है क्योंकि भार के साथ रस्सी हिलते हुए टूट जाएगी।
Questions raised regarding the video after Mahant Narendra Giri Death
वीडियो बाघांबरी पीठ से जुड़े किसी व्यक्ति ने तब रस्सी के फंदे से झूल रहे महंत के शव को उतारे जाने के तुरंत बाद बनाया था। वीडियों में दिख रहे हालात और उस समय की बातचीत से इस मौत पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
सवाल उठ रहे हैं महंत की सेवा में रहने वाले लोगों ने कमरा बंद पाकर और कई आवाजें लगाने पर भी न खुलने पर पुलिस अथवा वहीं मौजूद सुरक्षा कर्मियों को सूचना क्यों नहीं दी।
प्रदेश सरकार ने महंत की सुरक्षा के लिए आधा दर्जन पुलिस कर्मी तैनात कर रखे थे जो घटना के समय बाघांबरी पीठ में ही मौजूद थे। वीडियों में मंहत के सेवक से बार बार यह पूंछा भी जा रहा है कि कमरा बंद पाए जाने पर उसने दरवाजा तोड़ने की बजाय पुलिस या वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों को सूचना क्यों नहीं दी।
Demand for CBI inquiry into the Mahant Narendra Giri Death
उधर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रयागराज में बाघांबरी पीठ के महंत व अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मौत (Mahant Narendra Giri Death) के मामले की जांच की सिफारिश करने के कुछ ही घंटों के भीतर गुरुवार को सीबीआई की टीम घटनास्थल पर पहुंच गयी है। सीबीआई के दर्जन भर अधिकारियों की टीम ने प्रयागराज पहुंच कर मामले को अपने हाथ में ले लिया है। महंत की मौत के मामले के उलझे पेंच और कुछ भी साफ न होने के चलते समूचे विपक्ष सहित खुद सत्ताधारी भाजपा व संतों नें भी मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की थी।
बुधवार को ही भाजपा सांसद साक्षी महराज ने सुसाइड नोट को फर्जी बताते हुए आत्महत्या से इंकार किया था और सीबीआई जांच की मांग की थी। महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या (Mahant Narendra Giri Death) से पहले कथित तौर पर जो सुसाइड नोट लिखा है उसमें अपने खास चेले रहे आनंद गिरी के साथ दो अन्य आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। आनंद गिरी को हत्या की रात को हरिद्वार से जबकि बाकी दो को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया था। आनंद गिरी का लेपटॉप व स्मार्ट फोन पुलिस के कब्जे में है। पुलिस के मुताबिक अब यह सभी साक्ष्य सीबीआई की टीम को सौंप दिए जाएंगे।
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