India News (इंडिया न्यूज) Mahashivratri 2025: पहली बार काशी में महाशिवरात्रि पर निकलने वाली मुख्य शिव बारात पहली बार एक दिन बाद निकाली जाएगी। महाकुंभ से भीड़ के रुख को देखते हुए जिला प्रशासन के अनुरोध पर चार दशक पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए महाशिवरात्रि के अगले दिन 27 फरवरी को बारात निकालने का फैसला किया गया है। भगवान शिव और पार्वती के विवाह को दर्शाने वाला यह आयोजन पिछले 43 वर्षों से महाशिवरात्रि के दिन होता आ रहा है।
प्रशासन के अनुरोध के बाद लिए गए इस फैसले से राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो गया है। वाराणसी से ही ताल्लुक रखने वाले उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने इसे शहर की परंपराओं पर हमला बताया है। अजय राय ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शहर की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में हस्तक्षेप कर रही है।
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काशी की परंपरा से खिलवाड़: अजय राय
अजय राय ने कहा कि काशी की पहचान विश्व प्रसिद्ध शिव बारात को प्रशासनिक दबाव में स्थगित किया जा रहा है। इसकी तिथि बदलना हमारी पवित्र परंपराओं का उल्लंघन है। उन्होंने वाराणसी से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मामले में हस्तक्षेप कर परंपरा का पालन सुनिश्चित कराने की अपील की है।
अजय राय ने कहा कि शादी के दिन बारात नहीं निकाली जाएगी। शादी के बाद बारात निकाली जाएगी। यह सनातन धर्म का अपमान है। यह भगवान शिव का अपमान है। यह परंपरा चलती रहनी चाहिए। योगी सरकार से अनुरोध है कि इस पुरानी परंपरा को नष्ट न करें।
शिव बारात समिति के सदस्यों ने क्या कहा?
इस बीच शिव बारात समिति के संरक्षक मंडल के सदस्य प्रमुख उद्यमी आरके चौधरी, दीपक बजाज, गौरव अग्रवाल, संतोषी शुक्ला, दिलीप सिंह, महेश माहेश्वरी आदि ने संयुक्त रूप से बताया कि बारात शाम छह बजे दारानगर स्थित महामृत्युंजय मंदिर से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से दशाश्वमेध स्थित चितरंजन पार्क पहुंचेगी। वहां वधू पक्ष के लोग बनारसी ठंडाई और भांग से बारातियों का स्वागत करेंगे।
बताया जाता है कि बाबा विश्वनाथ की बारात के विश्वव्यापी प्रचार-प्रसार का ही नतीजा है कि बाबा के रूप में आठ विदेशी युवतियां बारात में शामिल होंगी। इनमें यूक्रेन की यूलिया, एलोना, इरिना, ओलेना, नतालिया, ओल्हाजुबैदा, जर्मनी की डारिया और यूके की टेंटिना शामिल हैं।
बारात का मुख्य आकर्षण महाकुंभ पर केंद्रित झांकी होगी
इस वर्ष बारात का मुख्य आकर्षण महाकुंभ पर केंद्रित झांकी भी होगी। बारात के स्वागत में खड़े लोगों पर त्रिवेणी से मंगाए गए टैंकर से जल की बौछार की जाएगी। लाइट एंड साउंड सिस्टम पर आधारित मसाना की होली की झांकी भी आकर्षण का केंद्र रहेगी। बारात संयोजक दिलीप सिंह ने बताया कि सूचना मिली है कि नगर में कुछ लोग प्रधान शिवबारात के नाम पर चंदा वसूली कर रहे हैं। शिवबारात का 43 वर्षों का इतिहास है कि बारात के नाम पर किसी से चंदा नहीं लिया गया।