India News (इंडिया न्यूज),Manoj Muntashir Fights with Aurangzeb: देश में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। राजनेताओं के बाद अब यह लड़ाई लेखकों और मौलानाओं तक पहुंच गई है। इसी कड़ी में जब मशहूर लेखक मनोज मुंतशिर ने औरंगजेब को लेकर बड़ा बयान दिया तो मुस्लिम धर्मगुरु ने भी जोरदार पलटवार किया। मनोज मुंतशिर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने कहा, ‘मनोज मुंतशिर पूरी तरह से मानसिक दिवालियापन के शिकार हैं।’
इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘मनोज मुंतशिर को बहुत पढ़ा-लिखा माना जाता था। एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति इस तरह के घटिया बयान नहीं दे सकता। केवल मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति ही इस तरह के घटिया बयान दे सकता है। मनोज मुंतशिर कोई लेखक नहीं हैं, वह मानसिक रूप से दिवालिया हैं।’ भाजपा विधायक केतकी सिंह ने मनोज मुंतशिर के बयान का समर्थन किया।
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BJP विधायक केतकी सिंह ने किया मनोज मुंतशिर का समर्थन
उन्होंने कहा, ‘मनोज मुंतशिर जी सही कह रहे हैं और औरंगजेब ही क्यों। ऐसी सभी कब्रों पर शौचालय बनाए जाने चाहिए। अयोध्या में भी मस्जिद के नाम पर जो जमीन दी गई है, वहां पर भी शौचालय बनाया जाना चाहिए। वहां भी एक बड़ा शौचालय या दूसरा राम मंदिर बनाया जाना चाहिए। हम मनोज मुंतशिर जैसे लोगों के साथ खड़े हैं।’
भारतीय सिनेमा के जाने-माने लेखक मनोज मुंतशिर अक्सर अपनी राय खुलकर पेश करने के लिए जाने जाते हैं। वह अपनी राय रखने में कभी नहीं हिचकिचाते। बल्कि वह अपनी बात खुलकर कहते हैं।
‘औरंगजेब की कब्र कभी नहीं हटाई जानी चाहिए…’
बता दें, हाल ही में उन्होंने छावा पर चल रहे विवाद पर भी बात की है। मनोज मुंतशिर ने अपने ‘एक्स’ पर छावा में औरंगजेब को लेकर चल रहे विवाद पर बात की है। उन्होंने कहा है कि ‘आज देश में एक आवाज उठ रही है कि महाराष्ट्र में बनी औरंगजेब की कब्र हटाई जानी चाहिए। मैं कहता हूं कि इसे नहीं हटाया जाना चाहिए। क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए! जब हम हिंदू राम जन्मभूमि पर श्री राम का मंदिर बना रहे थे, तो कुछ लोग हमें ज्ञान दे रहे थे कि भगवान कण-कण में मौजूद हैं, फिर मंदिर बनाने की क्या जरूरत है!’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं भारत सरकार से भी अनुरोध करता हूं कि औरंगजेब की कब्र हटाने, उसके ऊपर शौचालय बनाने की क्या जरूरत है। आखिर हम सनातनियों के पास उस हत्यारे और जो लोग यह कहने जा रहे हैं कि भारत किसी के बाप का नहीं है, उनके लिए यूरिया और नमक तो दान कर ही सकते हैं। मैं उनसे बहुत विनम्रता से कहना चाहूंगा कि भारत हमारे पिता का था और है।